Magh Purnima 2023: जानिए माघ पूर्णिमा पर स्नान और दान का महत्व

punjabkesari.in Thursday, Feb 02, 2023 - 05:44 PM (IST)

इस बार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी को फरवरी को है। यह पूरे माघ महीने के स्नान, दान, पुण्य, जप और तप का आखिरी दिन है। वे हजारों-लाखों जो प्रयागराज में गंगा के तट पर कल्पवासी होते हैं। यह उनके कल्पवास की पूर्णता का दिन है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन चन्द्रदेव अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करते हैं। इस दिन वाग्देवी यानि मां सरस्वती के स्वरुप में ललिता महाविद्या की जयंती भी है। इसी दिन महान संत गुरु रविदास का जन्म हुआ था। उन्होनें 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' कहते हुए मन की शुद्धता पर जोर दिया है। होली से एक महीने पहले इस पूर्णिमा पर ही होली का डांडा लगाया जाता है, इसलिए इसे होलिका डांडा रोपण पूर्णिमा भी कहा जाता है।

माघी पूर्णिमा पर स्नान का महत्व

माघ मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। शास्त्रों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन श्री हरि गंगाजल में वास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है।मान्यता है कि इस दिन गंगाजल का स्पर्श करने मात्र से भी मनुष्य को वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है। आज के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी या घर पर ही मन में गंगा मैया का ध्यान कर स्नान करके के बाद भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर ही गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष की साधना का फल मिल जाता है। इस दिन गंगा आदि सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप एवं संताप का नाश होता है, मन एवं आत्मा शुद्ध होती है। इस दिन किया गया महास्नान समस्त रोगों का नाश करके दैहिक,दैविक और भौतिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है। स्नान और दान के वक्त ' ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का मानसिक जप करते रहना चाहिए। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो गंगाजल के छींटे मारकर पुण्य लाभ ले सकते हैं।

PunjabKesari

दान और पूजा का महत्व

स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर एवं साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है।इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने से श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की असीम कृपा होती है। सुख-सौभाग्य, धन-संतान की प्राप्ति होती है। विद्दाा प्राप्ति के लिए इस दिन मां सरस्वती की विधि- विधान से पूजा कर सफेद पुष्प अर्पित करते खीर का भोग लगाना चाहिए। इस दिन पितरों को तर्पण करना बहुत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है तथा आयि एवं आरोग्य में वृद्धि होती है। माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा जनित दोषों से मुक्ति मिलती है।

PunjabKesari

माघ पूर्णिमा तिथि 

माघ माह पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी को रात्रि 09 :29 मिनट से शुरू होकर  5 फरवरी रात्रि 11: 58 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Charanjeet Kaur

Recommended News

Related News

static