IMF: एक ऐसा संगठन जो संकट में डूबे देशों को देता है सहारा, कैसे करता है मदद? जानिए आसान भाषा में

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 03:39 PM (IST)

नारी डेस्क: जब किसी देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगती है, महंगाई आसमान छूने लगती है, और विदेशी कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। तब एक नाम सामने आता है- इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF। यह एक ऐसा वैश्विक संगठन है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे देशों को न सिर्फ कर्ज देता है, बल्कि उनकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भी मदद करता है। IMF का मकसद केवल पैसा देना नहीं, बल्कि दुनिया भर में आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है। इस लेख में हम जानेंगे कि IMF आखिर करता क्या है, कैसे किसी देश की मदद करता है और क्यों इसकी भूमिका पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम मानी जाती है।

IMF का क्या काम है?

IMF दुनिया के लगभग सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है। इसके मुख्य कार्य हैं- जरूरतमंद देशों को कर्ज देना ताकि वे आर्थिक संकट से उबर सकें। आर्थिक नीतियों को लेकर देशों को सलाह देना। वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना। वित्तीय स्थिरता बनाए रखना। दुनियाभर में गरीबी को कम करना।

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IMF की शुरुआत कैसे हुई?

IMF की स्थापना 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान हुई थी। इसका मकसद था कि एक ऐसा आर्थिक ढांचा तैयार किया जाए जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया को आर्थिक रूप से स्थिर बनाए रखे। उस समय सभी देशों की मुद्राओं की एक तयशुदा विनिमय दर (fixed exchange rate) होती थी, जो डॉलर और सोने से जुड़ी होती थी। IMF इस सिस्टम की निगरानी करता था और किसी भी बड़े बदलाव के लिए उसकी मंजूरी जरूरी होती थी।

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IMF का मुख्यालय और सदस्य देश

IMF का मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका में है। वर्तमान में इसके 190 सदस्य देश हैं। हर देश का IMF में वोटिंग पावर उसके “कोटा” (Quota) पर निर्भर करता है। यह कोटा उस देश की आर्थिक स्थिति के हिसाब से तय होता है।

IMF के कुछ अहम बिंदु

IMF, किसी भी देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कर्ज देता है। इसके जरिए देश आर्थिक सुधार की दिशा में काम करते हैं। IMF उन नीतियों पर भी नज़र रखता है जिससे देश की आर्थिक हालत सुधारी जा सके। IMF की मदद से कई गरीब देश वित्तीय रूप से मजबूत हो सके हैं।

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1970 के बाद क्या बदला?

1970 के दशक में ब्रेटन वुड्स सिस्टम टूट गया और फिक्स्ड एक्सचेंज रेट की जगह फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट प्रणाली आ गई। यानी अब हर देश अपनी मुद्रा का मूल्य खुद तय करता है। इसके बाद भी IMF का काम जारी रहा और यह अब फ्लोटिंग एक्सचेंज रेट सिस्टम की निगरानी करता है।

IMF क्यों जरूरी है?

IMF दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। जब कोई देश कर्ज में डूब जाता है या आर्थिक संकट में होता है, तो IMF उसकी मदद करता है। साथ ही, यह संगठन यह सुनिश्चित करता है कि वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रहे।

IMF एक ऐसा संगठन है जो दुनिया के सभी देशों को एकजुट करके वैश्विक आर्थिक स्थिरता लाने का काम करता है। आर्थिक संकट में यह देशों का मददगार बनता है और उनके पुनर्निर्माण में योगदान देता है।

अगर हम इसे सरल शब्दों में कहें, तो IMF एक आर्थिक डॉक्टर की तरह है, जो बीमार अर्थव्यवस्था को दवा और सलाह दोनों देता है।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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