‘तुम्हारी किडनी में पथरी है…’ सुनकर डिप्रेशन में आई 15 साल की लड़की, फांसी लगाकर दे दी जान

punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 04:00 PM (IST)

नारी डेस्क: हमने अक्सर सुना और देखा है कि जब घर में पैसा नहीं होता तो कई बार जिंदगी इलाज के अभाव में दम तोड़ देती है। गरीबी और बीमारियों का यह क्रूर मिलन कई जिंदगियों को निगल चुका है। कुछ लोग इलाज के बिना ही दम तोड़ देते हैं तो कुछ लोग दर्द और बेबसी में आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से ऐसा ही एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 15 वर्षीय किशोरी जानकी ने इलाज के पैसे न होने की वजह से आत्महत्या कर ली।

जानकी को थी किडनी में पथरी, ऑपरेशन की थी जरूरत

जानकारी के अनुसार, मृतका जानकी सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के डोहरिया बुजुर्ग गांव की रहने वाली थी। जानकी किडनी में पथरी की बीमारी से पीड़ित थी और लगातार दर्द से परेशान थी। डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन की सलाह दी थी लेकिन उसके पिता की आर्थिक हालत इतनी कमजोर थी कि वे इलाज के लिए जरूरी पैसे नहीं जुटा पा रहे थे। यह स्थिति जानकी के लिए असहनीय होती चली गई।

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स्थानीय लोगों और परिवारजनों के अनुसार, जानकी लगातार दर्द में थी जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ने लगा था। वह अक्सर परेशान और गुमसुम रहने लगी थी। बीमारी का दर्द और इलाज का अभाव, इन दोनों ने मिलकर एक मासूम बच्ची को तोड़कर रख दिया था।

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आम के पेड़ पर फांसी लगाकर दी जान

शनिवार की शाम को जानकी गांव के पास आम के बाग में चली गई। कुछ देर बाद जब वह वापस नहीं लौटी तो लोगों को चिंता हुई। तभी कुछ ग्रामीणों की नजर पेड़ पर लटकी एक किशोरी के शव पर पड़ी। वह जानकी थी, जिसने कपड़े से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली थी। यह दृश्य देखकर गांव में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो जानकी के पिता भी वहां पहुंचे। बेटी का शव देखकर वे फूट-फूटकर रोने लगे। एक पिता के लिए यह दृश्य सबसे बड़ा दुख होता है, जब वह अपनी संतान की लाश देखता है, वो भी इसलिए क्योंकि वह इलाज का खर्च नहीं उठा सका।

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पुलिस ने किया पंचनामा, शव भेजा पोस्टमार्टम को

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा तैयार किया और फिर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अधिकारियों ने बताया कि मामले की तहकीकात की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना सिर्फ एक लड़की की आत्महत्या नहीं, बल्कि हमारे समाज और सिस्टम की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। एक 15 साल की बच्ची, जो केवल इलाज चाहती थी, उसे पैसों के अभाव में अपनी जान गंवानी पड़ी।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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