समाज देता था बोनी-बोनी के तानें लेकिन कड़ी मेहनत से IAS बन गई 3 फीट की यह लड़की
punjabkesari.in Wednesday, Jul 29, 2020 - 02:50 PM (IST)
जिंदगी में सफलता आपके रंग रूप पर निर्भर नहीं करती है। सफलता पाने के लिए आपके अंदर चाह होनी चाहिए। आप लगन से हर एक काम करेंगे तो आपको सक्सेस जरूर मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ हमारे समाज में बहुत से ऐसे लोग है जो दिव्यांग होते हैं और कईं बार ऐसे लोग खुद को दूसरों से कम समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं। याद रखिए आपको सफलता आपकी मेहनत दिलवाती है न कि आपका स्वस्थ शरीर।
समाज में एक ऐसी ही मिसाल पेश की आईएएस अफसर आरती डोगरा ने। कद से 3 फीट 6 इंच की आरती ने लोगों की बहुत सी बातें सुनी और जब आरती डोगरा की बतौर आईएएस अफसर नियुक्ति हुई तो उनको लेकर पूर देश ने चर्चा की थी। आरती ने तब समाज में अपने कद को लेकर कईं बातें भी सुनी लेकिन आरती की हिम्मत हारी नहीं ।
लोगों ने उड़ाया कद का मजाक
आरती ने अपने जीवन काल में ऐसे साहसी काम किए हैं कि उन्हें इस के लिए पुरस्कार भी मिल चुके हैं। IAS आरती डोगरा ने कईं अभियान चलाए जैसे कि खुले में शौच से मुक्ति के लिए उन्होंने स्वच्छता मॉडल बनाया जिसके मुरीद तो प्रधानमंत्री भी हो गए। आरती राजस्थान के बाद अजमेर की नई जिलाधिकारी है। आरती सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल है और उन दिव्यांग लोगों के लिए भी मिसाल है जो खुद को दूसरों से कम समझते हैं। वहीं आरती की ये पूरी जर्नी आसान नहीं थी आरती का लोग अकसर कद को लेकर मजाक बनाते थे लेकिन आरती रूकी नहीं और अपने सपने को पूरा करने के लिए आगे बढ़ती गई।
तो चलिए आज हम आपको आरती डोगरा की सफलता की कहानी बताते हैं।
माता-पिता ने दिया हमेशा साथ
IAS अफसर बनी आरती डोगरा को हमेशा से अपने माता पिता का सपोर्ट मिला। उनके माता पिता ने हर मुश्किल घड़ी में आरती का साथ दिया हालांकि आरती को लेकर कुछ लोग कहते थे कि ऐसी लड़की का क्या करोगे इसे मत पालो लेकिन आरती के माता-पिता ने उसका साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने समाज की सारी बातों को नकार कर अपनी बेटी को पढ़ाया लिखाया और आरती ने भी IAS अफसर बन कर अपने माता पिता का नाम रोशन किया।
कईं मॉडल के लिए कर चुकी हैं काम
आपको बता दें कि आरती ने अपने कद के कारण खुद को कम नहीं समझा और हमेशा अपने अंदर आगे बढ़ने की लगन को बरकरार रखा। आपको बता दें कि आरती पहले राजस्थान के बीकानेर और बूंदी जिलों में भी कलेक्टर का पद संभाल चुकी हैं और वहां आरती ने बंको बिकाणो नामक अभियान की भी शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जाता था कि वह खुले में शौच न जाएं। इस अभियान के हर काम को आरती ने देखा और सारा काम आरती की निगरानी में ही हुआ। इतना ही नहींं आरती ने गांव के घरों में पक्के शोचालय भी बनवाए।
आपको बता दें कि आरती के पिता सेना में अफसर के रूप में काम करते हैं और आरती की मां प्रिंसीपल है। आरती शुरू से ही अपनी पढ़ाई में अच्छे अंक लाती थी।
ऐसे बनी IAS अफसर
IAS अफसर आरती ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकॉनमिक्स ग्रेजुएट आरती ने छात्र राजनीति भी करके छात्र संघ का चुनाव भी जीत चुकी हैं और इसके बाद आरती पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद वह पढ़ाने लगी थीं लेकिन बाद में वह एक आईएएस अफ़सर से प्रेरित हुई और उन्होंने फिर सिविल परीक्षा की तैयारी की और कामयाबी हासिल की और आरती ने पहली ही बार में इंटरव्यू पास कर लिया।
आरती को अपने काम के लिए कईं पुरस्कार भी मिल चुके हैं उनकी तारीफ तो पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी कर चुके हैं।