पति ने पत्नी को उसके प्रेमी से शादी कर विदा किया, 6 महीने पहले हुआ था विवाह
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 05:03 PM (IST)

नारी डेस्क: अमेठी से एक अनोखी और दिलचस्प खबर सामने आई है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ शादी करा कर विदा कर दिया। यह मामला कमरौली थाना क्षेत्र के दीना का पुरवा गांव का है, जहां पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद और पत्नी के प्रेमी के साथ रिश्ते को लेकर एक ऐसा कदम उठाया गया जिसने सभी को हैरान कर दिया।
शादी के 6 महीने बाद खुला राज़
शिवशंकर का विवाह 2 मार्च 2025 को उमा प्रजापति से हुआ था। शादी सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई थी। शादी के बाद उमा अपने ससुराल पहुंची और कुछ समय वहीं रही, लेकिन उस दौरान वह अपने पुराने प्रेमी से लगातार मिलती रही। पति शिवशंकर को जब इस बात का पता चला तो उसने पहले पत्नी से समझाने-बुझाने की कोशिश की, लेकिन उमा अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी और अपने फैसले पर अडिग रही।
यूपी के अमेठी जिले में एक पति ने अपनी पत्नी की उसके प्रेमी के साथ कराई शादी! pic.twitter.com/NAUwJGASU9
— Arun Kumar (@ArunKum96527953) September 14, 2025
पति ने समझाया, पत्नी न मानी
शिवशंकर ने बताया कि उन्होंने कई बार पत्नी से इस संबंध को खत्म करने के लिए कहा, लेकिन वह अपने प्रेमी के साथ ही रहने की जिद पर बनी रही। इसके कारण दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ता गया और स्थिति बिगड़ने लगी। पति ने यह भी डर जताया कि कहीं विवाद इतना बढ़ न जाए कि दोनों परिवारों के बीच बड़ा झगड़ा हो जाए।
पति ने कराया पत्नी की प्रेमी से शादी
इस स्थिति को देखते हुए शिवशंकर ने एक ऐसा फैसला लिया जो आम तौर पर किसी के सोच में नहीं आता। उन्होंने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ शादी करा दी। यह शादी जगदीशपुर के एक मंदिर में हुई, जहां वरमाला और सिंदूरवाली रस्में पूरी की गईं और दोनों को पति-पत्नी की सामाजिक मान्यता दिलाई गई। इसके बाद शिवशंकर ने पत्नी को प्रेमी के साथ विदा कर दिया।
लोगों में चर्चा और मिसाल बना फैसला
यह अनोखा मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे एक आश्चर्यजनक घटना मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे सामाजिक विवाद से बचने के लिए उठाया गया समझदारी भरा कदम भी बता रहे हैं। पति द्वारा इस तरह का कदम उठाना कई लोगों के लिए मिसाल बन गया है, जिससे यह साबित होता है कि विवादों से बचने के लिए कभी-कभी परंपरागत सोच से हटकर फैसले लेने पड़ते हैं।