हाई कोर्ट का फैसला- बिना परमिशन पत्नी का फोन रिकॉर्ड नहीं कर सकता पति
punjabkesari.in Monday, Dec 13, 2021 - 05:24 PM (IST)
पत्नी की जानकारी के बिना फोन पर की गई उसकी बातचीत को रिकॉर्ड करना अपराध है और इसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कहना है टिप्पणी पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का। कोर्ट के अनुसार अपनी पत्नी को क्रूर दिखाने के लिए बिना उसकी जानकारी के उसका कॉल रिकॉर्ड करना उसकी निजता के अधिकार का हनन है।
महिला ने पति पर लगाए आरोप
न्यायमूर्ति लीला गिल की एकल पीठ ने एक महिला की याचिका पर पिछले महीने यह आदेश पारित किया। इस महिला ने बठिंडा परिवार अदालत के 2020 के आदेश को चुनौती दी थी। महिला ने अपनी याचिका में बताया कि-उसके पति ने साल 2017 में बठिंडा कि फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए केस दर्ज करवाया था।
रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर किया पेश
महिला का आरोप है कि उसके पति ने टेलिफोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को सबूत के तौर पर पेश करने की मांग की और फेमिली कोर्ट ने अनुमति दे दी। इस पर पत्नी ने फेमिली कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर अब फैसला सुनाया गया। उच्च न्यायालय ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा- - ‘पत्नी की जानकारी के बिना उसकी बातचीत को रिकॉर्ड करना स्पष्ट तौर पर उसकी निजता का हनन है।’’
अदालत ने लगाई फटकार
अदालत ने कहा, ‘‘ यह नहीं कहा या आकलन किया जा सकता है कि किन परिस्थितियों में बातचीत हुई या किस तरह से बातचीत रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति ने जवाब दिया क्योंकि यह स्पष्ट है कि बातचीत निश्चित तौर पर दूसरे पक्ष से छिपाकर रिकॉर्ड की गई होगी। दरअसल इस दंपति की शादी वर्ष 2009 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है।
फैमिली कोर्ट का आदेश किया रद्द
जिरह के दौरान जुलाई 2019 में पति ने आवेदन दाखिल कर पूरक हलफनामा के साथ मोबाइल फोन से की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग जमा करने की अर्जी दी जिसकी मंजूरी 2020 को परिवार अदालत ने दे दी थी। उच्च न्यायालय ने बठिंडा की परिवार अदालत का यह आदेश निरस्त कर दिया।