बाइपोलर डिसऑर्डर की शिकार हुई ऋतिक की बहन 'सुनैना', जानिए किसे और कैसे होती है यह बीमारी

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2019 - 05:24 PM (IST)

हाल ही में ऋतिक रोशन की बहन सुनैना की तबीयत खराब होने के कारम उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। खबरों के मुताबिक, वह बाइपोलर डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं और उनकी कंडीशन काफी क्रिटिकल है। डॉक्टरों ने उन्हें 24 घंटे की निगरानी में रखा है। 

 

कैंसर सहित इन 7 बीमारियों से जूझ चुकीं है सुनैना

एक इंटरव्यू के दौरान सुनैना ने बताया था कि बाइपोलर डिसऑर्डर उन्हें मेनिन्जाइटिस, मोटापे, कैंसर और पार्टनर के साथ असफल रिश्ते के कारण हुई। इसके चलते वह काफी वक्त तक वह डिप्रेशन में भी रही थी। बता दें कि सुनैना मोटापा, सर्वाइकल कैंसर, डायबिटीज, फैटी लीवर, हाइपरटेंशन, स्लीप एपनिया, कार्डियक अरेस्ट और दो कदम चलने पर सांस लेने में दिक्कत जैसी कई बीमारियों से भी जूझ चुकीं हैं। वजन घटाने के लिए उन्होंने बेरियाट्रिक सर्जरी भी करवाई थी, जिसके बाद उनका वजन 140 Kg से 65 Kg हुआ।

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ऐसे हुई बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार

जब सुनैना राकेश रोशन के साथ फिल्म 'क्रेजी 4' में काम कर रही थी तो उन्हें काफी ब्लीडिंग हुई। जांच करवाने के बाद पता चला कि उन्हें सर्वाइकल कैंसर है। इसके बाद सुनैना को कीमोथैरेपी सेशेन लेने पड़े, जिसके बाद उनके पूरे बाल झड़ गए और वो डिप्रेशन में चली गई और ज्यादा खाना शुरू कर दिया, साथ ही घरवालों से अलग रहने लग गई। धीरे-धीरे डिप्रेशन ने बाइपोलर डिसऑर्डर का रूप ले लिया।

अन्य सेलेब्स भी हो चुकें हैं शिकार

अमेरिका की फेमस डिजाइनर केट स्पेड तीन-चार साल से बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त थी, जिसके कारण उन्होंने महज 55 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। इस बीमारी के चलते उन्होंने सुसाइड कर लिया था। इसके अलावा रैपर व सिंगर हनी सिंह भी बायपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त हो चुकें हैं लेकिन अब वह इस बीमारी से पूरी तरह बाहर आ चुकें हैं।

क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर?

बायपोलर डिसऑर्डर एक तरह की दिमागी बीमारी होती है, जिसे मैनिक डिप्रेशन भी कहा जाता है। इसमें मरीज या तो ज्यादा खुश महसूस करता है या फिर बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है। बाइपोलर डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर गुस्सा आना और उदास होने की शिकायत करता है।

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बायपोलर डिसऑर्डर के कारण

-यह बीमारी आनुवांशिक है यानि अगर परिवार किसी सदस्य को बायपोलर डिसऑर्डर तो उससे ये अगली जेनेरेशन को भी हो सकती है।
-अधिक धूम्रपान व शराब का सेवन करने वाले लोगों को भी इसका खतरा अधिक होता है।
-दिमागी केमिकल असंतुलित हो जाने के कारण भी इस डिसऑर्डर की संभावना बढ़ जाती है।
-अगर किसी व्यक्ति के आस-पास का माहौल सही ना हो तो वह भी इस बीमारी का शिकार हो सकता है।
-दर्दनाक हादसा, लाइफ में बार-बार प्रॉब्लम आना भी इसका कारण बन सकता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण 

बहुत अधिक बोलना
अति आत्मविश्वास होना
आदतों में बदलाव
बेचैन या चिड़चिड़ा होना
आत्महत्या के बारे में सोचना

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किन लोगों को होती है यह बीमारी?

अक्सर इस बीमारी की पहचान समय पर नहीं हो पाती जिसकी वजह से व्यक्ति लंबे समय तक पीड़ित रहता है। जो लोग अधिक नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं उनमें यह बीमारी पाई जाती है। इसके अलावा मौसम में बदलाव भी इसका एक कारण है। शोध के मुताबिक, यह बीमारी लगभग 100 में एक इंसान को जीवन में कभी ना कभी होता है और यंगस्टर्स इसके अधिक शिकार बनते हैं।

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इस तरह से करें इलाज

-इस बीमारी में कम से कम सोचें और कभी भी अकेले न रहें। इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा नींद लें।
-इस बीमारी में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और वसा का सेवन करें। इसके अलावा अपना भोजन नियमित समय पर और पूरा खाएं।
-ज्यादा से ज्याद योगा और व्यायाम करें। इसके अलावा सुबह शाम ताजी हवा में सैर करें।
-ऐसे में जंक फ्रूड का सेवन न करें। इससे आपकी बीमारी बढ़ सकती है।
-अल्कोहल या फिर धूम्रपान से जितना हो सके बचने की कोशिश करें और जितना कम हो सके तनाव लेने की कोशिश करें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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