ऐसी जानलेवा बीमारी जो लिवर को अंदर ही अंदर कर देती है खोखला, 1 इंजेक्शन ही देता बचाव
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 06:15 PM (IST)

नारी डेस्क: कल्पना कीजिए, आपके शरीर का वो अंग जो दिन-रात बिना थके आपकी सेहत की रक्षा करता है वही अगर बीमार पड़ जाए तो? हम बात कर रहे हैं लिवर (जिगर) की। और आज 28 जुलाई है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे। एक ऐसा दिन जो हमें ये सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम अपने लिवर का उतना ख्याल रख रहे हैं, जितना उसे हमारी ज़रूरत है?
हेपेटाइटिस होता क्या है?
आसान भाषा में कहें, तो हेपेटाइटिस का मतलब होता है लिवर में सूजन या इंफेक्शन। ये इंफेक्शन वायरस, शराब, दवाइयों या किसी केमिकल की वजह से हो सकता है। अब आप सोचिए लिवर वो अंग है जो खाना पचाता है, शरीर से ज़हर बाहर निकालता है और हमें बीमारियों से लड़ने में ताकत देता है। और यही अगर कमजोर हो जाए, तो?
हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी
डरने की कोई बात नहीं है, बस समय पर सही टीकाकरण करवा लें और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से खुद को बचाएं। हेपेटाइटिस एक लिवर की बीमारी है जो धीरे-धीरे हमारे शरीर को कमजोर कर सकती है, लेकिन सही समय पर टीका लगवाने से इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। इसलिए जागरूक रहें और अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें।
हेपेटाइटिस A वैक्सीन: यह वैक्सीन हेपेटाइटिस A वायरस से बचाव करती है। यह वायरस दूषित पानी या खाना खाने से फैलता है। टीकाकरण से यह संक्रमण रोका जा सकता है।
हेपेटाइटिस B वैक्सीन: यह वैक्सीन हेपेटाइटिस B वायरस से सुरक्षा देती है, जो संक्रमित खून, शारीरिक संपर्क या संक्रमित सुई के इस्तेमाल से फैलता है। यह वैक्सीन बहुत जरूरी मानी जाती है क्योंकि हेपेटाइटिस B गंभीर लिवर रोग का कारण बन सकता है।
हेपेटाइटिस E वैक्सीन: हेपेटाइटिस E के लिए वैक्सीन सीमित क्षेत्रों में उपलब्ध है, खासकर एशिया में। यह वायरस भी दूषित पानी से फैलता है।
इसलिए अगर आप या आपके परिवार में कोई ऐसा है जिसे लगे कि वह खतरे में है, तो डॉक्टर से संपर्क करके सही टीकाकरण करवाएं। इससे आप अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
हेपेटाइटिस क्यों है इतना खतरनाक?
क्योंकि कई बार ये कोई लक्षण नहीं दिखाता। बिना शोर किए, यह धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता रहता है और जब तक हम सतर्क होते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
हेपेटाइटिस के प्रकार
हेपेटाइटिस के कई प्रकार होते हैं। हेपेटाइटिस A और E आमतौर पर दूषित पानी और भोजन से फैलते हैं। इनमें मरीज को उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हेपेटाइटिस B और C खून के संपर्क, संक्रमित सुई या असुरक्षित यौन संबंधों से फैलते हैं। ये ज्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि ये लिवर को धीरे-धीरे पूरी तरह खराब कर सकते हैं। एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस अधिक शराब पीने से होता है। टॉक्सिक हेपेटाइटिस अधिक दवाओं या केमिकल्स की वजह से लिवर को नुकसान पहुंचाता है।
हेपेटाइटिस किसे हो सकता है?
जो लोग नियमित रूप से शराब या ड्रग्स का सेवन करते हैं, असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, संक्रमित ब्लड या सुई के संपर्क में आते हैं, उन्हें इस बीमारी का ज्यादा खतरा होता है। इसके अलावा जिन लोगों को पहले से कोई लिवर या किडनी की बीमारी है, उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है जिससे हेपेटाइटिस का खतरा और बढ़ जाता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
इस बीमारी के कई लक्षण होते हैं, जैसे बार-बार बुखार आना, आंखों और त्वचा का पीला होना (पीलिया), भूख कम लगना, पेट दर्द, गहरे रंग का पेशाब और थकावट महसूस होना। कभी-कभी मल का रंग भी हल्का या मिट्टी जैसा हो जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कई बार कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता और बीमारी अंदर ही अंदर बढ़ती रहती है।
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इलाज और परीक्षण
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण बार-बार महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर कुछ जरूरी ब्लड टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट कराकर बीमारी की पुष्टि कर सकते हैं। हेपेटाइटिस A और E का इलाज संभव है लेकिन हेपेटाइटिस B और C को सिर्फ दवाओं से कंट्रोल किया जा सकता है, पूरी तरह खत्म नहीं।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय
इस बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखना। हमेशा उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। मानसून के समय बाहर का खाना खाने से परहेज़ करें। किसी के साथ टूथब्रश, तौलिया, या रेज़र जैसी चीजें शेयर न करें। हेपेटाइटिस A और B की वैक्सीन लगवाना भी एक कारगर तरीका है। अगर आप टैटू बनवाते हैं या कोई मेडिकल ट्रीटमेंट लेते हैं तो वहां इस्तेमाल होने वाले उपकरण साफ और सेनेटाइज हों ये जरूर सुनिश्चित करें।
लिवर का रखें ख्याल, बीमारी को रखें दूर
लिवर चुपचाप आपके शरीर की रक्षा करता है, लेकिन अगर एक बार ये बीमार पड़ गया, तो बहुत कुछ बिगड़ सकता है। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिससे थोड़ी सी सावधानी और साफ-सफाई अपनाकर बचा जा सकता है। आज, World Hepatitis Day के मौके पर एक छोटी सी पहल करें खुद की और अपने अपनों की सेहत के लिए।