बच्चों में तेजी से बढ़ रही गंभीर बीमारियां, बाबा रामदेव से जानें कैसे होगा बचाव
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 05:14 PM (IST)

नारी डेस्क: आजकल के बच्चों में गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। छोटी उम्र में हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, गैस्ट्रिक कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं। इसका मुख्य कारण फिजिकल एक्टिविटी की कमी, असंतुलित खानपान और डिजिटल गैजेट्स पर बढ़ती निर्भरता है। बच्चे ज्यादा समय मोबाइल या टीवी पर बिता रहे हैं और बाहर खेलने या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे। इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बाधित हो रहा है।
समस्या के पीछे पैरेंट्स की भूमिका
अक्सर माता-पिता बच्चों की परवरिश में शॉर्टकट अपनाते हैं। वे इस बात पर अधिक ध्यान देते हैं कि बच्चा चुप रहे या खुश दिखे, लेकिन ये नहीं सोचते कि उसकी सेहत और भविष्य के लिए क्या सही है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में बच्चों में मोटापा 126% तक बढ़ गया है। कई बच्चों में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य रूप से बढ़ा हुआ पाया गया है। चिंता की बात यह भी है कि 2008 के बाद जन्मे बच्चों में गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ गया है।
'बैक टू बेसिक्स' है हल
बाबा रामदेव और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को फिर से पुराने समय की जीवनशैली यानी 'बैक टू बेसिक्स' की ओर ले जाना जरूरी है। इसका मतलब है कि बच्चों की दिनचर्या में योग, प्राणायाम, ध्यान, खेल और नियमित दिनचर्या को वापस लाना। इसके साथ ही उन्हें स्वस्थ भोजन, समय पर सोना और उठना सिखाना होगा। ऐसा करने से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ेगी और वे कई बीमारियों से बचे रहेंगे।
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बच्चों की दिनचर्या में क्या शामिल करें
जल्दी उठना सिखाएं: बच्चों को सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। इससे उनमें अनुशासन विकसित होता है और दिन भर के कामों में समय का सही उपयोग होता है।
योग और प्राणायाम कराएं: योग और प्राणायाम से बच्चों का मानसिक संतुलन बना रहता है, फेफड़े मजबूत होते हैं और एकाग्रता बेहतर होती है। छोटे बच्चों को भी आसान प्राणायाम सिखाया जा सकता है।
आउटडोर खेलों को बढ़ावा दें: मोबाइल से दूर रखकर बच्चों को पार्क में खेलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, रस्सी कूदना जैसी शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने को प्रेरित करें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों को अनावश्यक मोबाइल, टीवी और टैबलेट से दूर रखें। इससे उनकी नींद, व्यवहार और भाषा विकास पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
स्वस्थ भोजन की आदतें कैसे डालें
ताजा और गर्म खाना दें: बच्चों को बासी या जंक फूड की बजाय ताजा और पौष्टिक भोजन दें। ताजे खाने से पाचन अच्छा रहता है और शरीर मजबूत बनता है।
सलाद और फल शामिल करें: हर दिन बच्चों के भोजन में सलाद और मौसमी फल जरूर शामिल करें। ये फाइबर और विटामिन्स से भरपूर होते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत करते हैं।
हल्दी वाला दूध पिलाएं: हल्दी वाला दूध फेफड़ों और प्रतिरोधक क्षमता के लिए फायदेमंद होता है। बदलते मौसम में यह औषधि जैसा असर करता है।
छाछ और दही दें: ये प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन में सहायक होते हैं। गर्मियों में बच्चों को ठंडी छाछ देना विशेष लाभकारी होता है।
फिटनेस और वर्कआउट का महत्व
दिमाग सक्रिय रहता है: शारीरिक गतिविधियों से बच्चों के दिमाग में रक्त संचार बेहतर होता है जिससे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है।
बेहतर नींद आती है: जो बच्चे नियमित वर्कआउट करते हैं उन्हें रात में अच्छी और गहरी नींद आती है, जो मानसिक विकास के लिए जरूरी है।
फेफड़ों को बनाएं मजबूत: बच्चों को बचपन से प्राणायाम, गर्म पानी पीने की आदत और प्राकृतिक उपाय जैसे नस्य करवाना सिखाएं। इससे वे एलर्जी और सांस की समस्याओं से बचे रहेंगे।
बच्चों की सेहत से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। छोटी उम्र से ही उन्हें अनुशासित जीवनशैली, योग-प्राणायाम, संतुलित आहार और भरपूर नींद की आदत डालें। इससे न सिर्फ उनकी वर्तमान सेहत बेहतर होगी बल्कि भविष्य में गंभीर बीमारियों से बचाव भी होगा।