बच्चों के कान में ईयर इंफेक्शन से हो रही दर्द का यूं करें इलाज

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2019 - 10:55 AM (IST)

मौसम में आ रहे बदलाव के कारण कई बार बड़ों ही नहीं बच्चों के कान में भी इंफैक्शन हो जाती है। ऐसे में अगर बच्चों के कान का ध्यान न रखा जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है जिससे बच्चों के सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। कान के अंदरुनी हिस्से में होना वाला दर्द चाहे किसी गंभीर समस्या का संकेत नही होता है लेकिन यह काफी पीड़ादायक होता है। कान में होने वाले दर्द के कारण सूजन भी हो सकती है। 

दर्द के लक्षण 

- दांतों में दर्द या फोड़े होना, बच्चों के दांत आना
- कान में वैक्स बनना, कुछ फंसना या परदे में छेद होना 

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- गले में दर्द या टॉन्सिलाइटिस
- बुखार, कान में संक्रमण या जुकाम
- सुनने में कमी या बदलाव

दर्द के कारण 

- बच्चों को बोतल में दूध पिलाना कान में संक्रमण का कारण हो सकता है। 
- कान नलिका को रुई लिपटी तीली के साथ अधिक उत्तेजित करना 

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- कान मेें शैंपू या साबुन रह जाना
- क्लोरिन युक्त पानी में अधिक समय तरह रहना 
- कानों को बार- बार धोने की आदत

बचाव

- बच्चों के आस-पास धूम्रपान न करें। धूम्रपान से निकलने वाला धुंआ भी बच्चों में कान संक्रमण का कारण बन सकता है।
- कान में कोई बाहरी वस्तु न लगाएं।
- नहाने या तैराकी के बाद कानों को अच्छी तरह से सुखाएं।

इलाज 

- कान के बाहरी हिस्से पर ठंडा गीला कपड़ा या कोल्ड पैक 20 मिनट तक रखें। 
- चबाने से कान का दर्द व कान में संक्रमण के दौरान होने वाला दबाव भी कम होता हैं। 
- उल्टा लेटने की जगह सीधी अवस्था में लेटकर आराम करने से मध्य कान में दबाव कम होता है।

 

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- नीम की पत्तियों को पीस कर 2-3 बूंदे बच्चों के कान में डालें इसकी जगह पर आप नीम के तेल का भी इस्तेमाल कर सकती है।
- तुलसी की पत्तियों को पीस कर रस निकाल कर बच्चों के कान में डालें।
- कान में अगर दर्द अधिक हो रहा है तो सरसों के तेल में 2 से 3 कलियां लहसुन की कलियां डाल कर गर्म करें। इसके बाद उसे ठंडा करके कान में डाल दें। 


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Content Writer

khushboo aggarwal

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