कोलेस्ट्रॉल की मात्रा शरीर में कितनी होनी चाहिए और कैसे करें इसे कंट्रोल
punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 12:18 PM (IST)
कोलेस्ट्रॉल क्या है : कोलेस्ट्रॉल हार्मोंस के निर्माण, शरीर में कोशिकाओं को स्वस्थ और ठीक रखने का काम करता है लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा होने पर आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर खून का गाढ़ा होना, आर्टरी ब्लॉकेज, स्टोक्स, हार्ट अटैक और दिल की अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इन बीमारियों से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल का सामान्य होना बहुत जरूरी है। इसके बढ़ने पर आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की कितनी मात्रा होनी चाहिए और इसे कंट्रोल करने के लिए आपको क्या करना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल लेवल को रखना है 'Balanced' तो डाइट में शामिल करें ये चीजें
कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए ?
शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं, गुड़ कोलेस्ट्रॉल (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL)। यह दोनों ही प्रकार के कोलेस्ट्रॉल हाई डेनसिटी प्रोटीन और लो डेनसिटी प्रोटीन से बनते हैं। इसलिए इसकी निश्चित मात्रा ही शरीर के लिए अच्छी होती हैं। शरीर में नार्मल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (200 mg/dL या इससे कम) होनी चाहिए। बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल (200 से 239 mg/dL) के बीच और हाई कोलेस्ट्रॉल (240mg/dL) होना चाहिए। गुड कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक को रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कोशिकाओं से वापस लीवर में ले जाता है। लीवर में जाकर यह या तो टूट जाता है या फिर व्यर्थ पदार्थों के साथ शरीर के बाहर निकाल जाता है।
कब बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 20 साल की उम्र के बाद बढ़नी शुरू हो जाती है। 60 से 65 वर्ष की उम्र तक महिलाओं और पुरुषों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान रूप से बढ़ती है। मासिक धर्म शुरू होने से पहले महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है लेकिन इसके बाद पुरूषों की तुलना में महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल अधिक बढ़ता है। कई बार कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की प्रॉब्लम आनुवांशिक भी हो सकती है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी डिजीज, लीवर डिजीज और हाइपर थाइरॉयडिज्म से पीड़ित लोगों में भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया जाता है। इसके अलावा महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का कम होना प्रीमैच्योर बेबी के जन्म का कारण बन सकता है। शरीर में दिखें ये 7 बदलाव तो समझ लें कि बढ़ गया है कोलेस्ट्रोल लेवल
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण (High Cholesterol Symptoms )
हाई ब्लड प्रैशर, थकान, मोटापा, सीढियां चढने पर सांस और दिल की धड़कन ज्यादा बढ़ना, पैदल चलने पर सांस फूलना, पैरों में दर्द कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण होते हैं। इसके लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के उपाय (Cholesterol Control Home Remedies in Hindi )
1. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रखने के लिए अपनी डाइट में मौसमी फल, फाइबर युक्त पदार्थ और हरी सब्जियों को अधिक से अधिक शामिल करें।
2. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने पर मरीज को मक्खन, घी, आइसक्रीम, चॉकलेट और मिठाई से परहेज करना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल स्तर को सामान रखने के लिए आपको सुबह नाश्ते में कॉर्नफ्लैक्स जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
3. इसबगोल भी दिल के मरीजों के लिए अच्छा होता है। यह घुलनशील रेशों का अच्छा स्रोत है और कोलेस्ट्रॉल घटाता है। एक महीने तक रोजाना 15 ग्राम इसबगोल का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखता है।
4. एक्सरसाइज, नियमित व्यायाम, खान-पान और लाइफस्टाइल में थोड़ा-सा बदलाव करके आप कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकते हैं।
5. 30 साल की उम्र के बाद हर किसी को कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। क्योंकि इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के जमने का पता चल जाता है, जिससे बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
6. कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन सी, ई और बीटा कैरोटिन से भरपूर चीजों का सेवन करें।
7. दूध वाली चाय से परहेज करें। इसमें कैलोरी बहुत अधिक मात्रा में होती हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ जाता है। इसकी बजाए आप ब्लैक या ग्री टी का सेवन करें। दिन में 3-04 कप ब्लैक या ग्रीन टी का सेवन कोलेस्ट्रॉल स्तर को कंट्रोल में रखता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर न खाएं ये चीजें
1. कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ने पर रेड मीट का सेवन न करें।
2. दूध, बटर, घी, क्रीम यहां तक कि आइस्क्रीम जैसे पदार्थ, जिनमें भारी मात्रा मेें कोलेस्ट्रॉल होता है, खाने से बचें।
3. इसमें मावा से बनी मिठाइयां स्लो पॉइजन का काम करती हैं। इसलिए इनसे दूर ही रहें।
4. धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन भी कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए सिगरेट-शराब का सेवन न करें।