शरीर से लगातार बदबू आना हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत, न करें नजरअंदाज
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 11:53 AM (IST)

नारी डेस्क: शरीर से गंध आना यानी बॉडी ओडर (Body Odour) एक आम समस्या है लेकिन कई बार यह शर्मिंदगी का कारण भी बन जाती है। आमतौर पर यह तब होता है जब पसीना त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया के साथ मिलकर बदबू पैदा करता है। लेकिन केवल पसीना ही शरीर से गंध आने का कारण नहीं होता। कई बार इस बदबू के पीछे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। अक्सर लोग शरीर से आने वाली बदबू को सिर्फ पसीना समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर यह बदबू रोजाना नहाने और डियोड्रेंट लगाने के बाद भी बनी रहती है तो इसे हल्के में लेना सही नहीं। क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
बदबू के साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं खतरनाक संकेत
अगर आपकी त्वचा पर रैशेज़, खुजली या लालपन हो और बदबू असामान्य हो (जैसे फल जैसी, पेशाब जैसी, मछली जैसी), या बिना वजह बहुत ज्यादा पसीना आने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे लक्षण गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं और समय पर इलाज से बड़े नुकसान को टाला जा सकता है।
डायबिटीज और मीठी बदबू आना
डायबिटीज के मरीजों में अगर शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए और इंसुलिन की कमी हो जाए, तो शरीर में केटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis – DKA) की स्थिति बनती है। इस स्थिति में शरीर से मीठी या फल जैसी गंध आती है। यह एक खतरनाक स्थिति हो सकती है, जो इलाज के बिना कोमा या मौत का कारण बन सकती है। अगर किसी डायबिटिक व्यक्ति के शरीर से ऐसी गंध आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सांस से आने वाली बदबू भी इसी का हिस्सा हो सकती है।
लिवर और किडनी की बीमारी में तेज बदबू
किडनी और लिवर हमारे शरीर से विषैले तत्व (toxins) बाहर निकालने का काम करते हैं। अगर इनमें कोई खराबी आ जाए तो टॉक्सिन्स शरीर में जमा हो जाते हैं। किडनी फेलियर के मरीजों के शरीर से यूरिया या पेशाब जैसी गंध आ सकती है। वहीं, लिवर डैमेज के मरीजों में कच्चे मांस या मछली जैसी गंध आने लगती है, जिसे “fetor hepaticus” कहते हैं। यह संकेत बहुत गंभीर होते हैं और ऐसे में फौरन मेडिकल जांच और इलाज की जरूरत होती है।
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थायरॉइड के विकार और पसीने की बदबू
थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। जब इसका संतुलन बिगड़ता है, जैसे हाइपरथायरॉइडिज्म या हाइपोथायरॉइडिज्म, तो शरीर में पसीने की मात्रा और त्वचा की स्थिति बदल सकती है। हाइपरथायरॉइडिज्म में शरीर बहुत गर्म रहता है और पसीना ज्यादा आता है, जिससे बदबू बढ़ सकती है। वहीं, हाइपोथायरॉइड में त्वचा सूखी हो जाती है, जिससे फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो बदबू का कारण बन सकता है।
फंगल और बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन भी हो सकते हैं कारण
बारिश और गर्मी के मौसम में शरीर के कुछ हिस्सों जैसे बगल, कमर, जांघों के बीच फंगल इंफेक्शन होना आम बात है। इस दौरान स्किन पर लालपन, खुजली और बदबू हो सकती है। Corynebacteria नामक बैक्टीरिया अंडरआर्म्स और पैरों से तेज गंध पैदा करते हैं। फंगल इंफेक्शन जैसे Tinea corporis में भी बदबू और पसीने की मात्रा बढ़ जाती है। इनका इलाज समय पर न करने पर समस्या गंभीर हो सकती है।
पाचन तंत्र की खराबी और शरीर से बदबू
अगर आपका पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है, जैसे गैस, एसिडिटी या कब्ज की समस्या हो, तो शरीर से अजीब गंध आ सकती है। कई बार शरीर टॉक्सिन्स को बाहर नहीं निकाल पाता, जिससे ये त्वचा या सांस के जरिए निकलते हैं और बदबू पैदा करते हैं। पेट साफ न रहना, आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन और फाइबर की कमी इसके मुख्य कारण होते हैं।
बदबू की समस्या को कैसे करें दूर?
रोजाना नहाएं और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
अच्छी क्वालिटी का डियोड्रेंट इस्तेमाल करें।
कपड़े साफ और सूखे पहनें।
अगर बदबू लगातार बनी रहती है तो डॉक्टर से जांच कराएं।
स्वस्थ खान-पान और पाचन प्रणाली का ध्यान रखें।
किसी भी तरह के त्वचा संक्रमण या असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।
शरीर से गंध आना सिर्फ पसीने का नतीजा नहीं है, बल्कि यह कई बार स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसलिए इस समस्या को हल्के में न लें और अगर बदबू बनी रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर जांच और इलाज से आप इस समस्या को आसानी से दूर कर सकते हैं।