होम आइसोलेशन के लिए कितना जरूरी ऑक्सीमीटर, जानिए कैसे करता है काम?
punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 01:53 PM (IST)
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से भारत कोविड पॉजिटिव मामलों में चौथे नंबर पर आ गया है। परेशानी का कारण यह है कि 80% मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर आ रही रहे, जिसकी वजह से ज्यादा लोगों में ट्रांसफर हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स लोगों को हल्के लक्षण दिखने पर भी होम आइसोलेशन करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं, एक्सपर्ट ने होम आइसोलेशन मरीजों को पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर यूज करने को कहा है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह मशीन और होम आइसोलेशन मरीजों के लिए क्यों हैं जरूरी...
क्या है पल्स ऑक्सीमीटर?
दरअसल, पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर शरीर में मौजूद ऑक्सीजन लेवल व दिल की धड़कन की गति का पता लगाती है। इस डिवाइस को मरीज की उंगली में फंसाकर नब्ज व खून में मौजूद ऑक्सीजन लेवल का पता लगाया जाता है। साथ ही इससे यह भी पता चल जाता है कि मरीज कितना ऑक्सीजन की जरूरत है।
होम आइसोलेशन में क्यों जरूरी?
सांस से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे लोग इस मशीन का यूज जरूर करते हैं लेकिन होमे आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को भी इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना का एक लक्षण सांस लेने में तकलीफ भी हैं। वहीं कुछ ऐसे केस भी सामने आए हैं, जिसमें मरीज ने सांस ना लेने के कारण दम तोड़ दिया हो।
बिना खून लिए लगाएगी ऑक्सीजन लेवल का पता
यह डिवाइस बिना खून लिए नब्ज के जरिए शरीर में मौजूद ऑक्सीजन लेवल बताती है। इसे हाथ-पैर की उंगली या कान की लोब पर क्लिप किया जा सकता है। यह त्वचा पर एक लाइट छोड़ती है और खून, सेल्स के रंग व उनकी मूवमेंट को डिटेक्ट कर ऑक्सीजन लेवल बताता है। अगर ऑक्सीजन लेवल सही हो तो ब्लड सेल्स चमकदार लाल दिखाई देते हैं जबकि बाकी गहरी लाल दिखती हैं।
कितना होना चाहिए ऑक्सीजन लेवल
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन लेवल 95 से 100% होना चाहिए। अगर मशीन 97% की रीडिंग दे तो समझ लें कि 3% रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन नहीं है। 95% से कम ऑक्सीजन लेवल फेफड़ों की परेशानी का संकेत हो सकती है। वहीं ऑक्सीजन लेवल 92% से कम हो तो आपको तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए। ऐसे लोगों को सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है।
कोविड निमोनिया का पता भी लगाती है यह मशीन
ऑक्सीजन लेवल के अलावा इस मशरीर से कोविड निमोनिया का पता भी लगाया जा सकता है, जिससे मरीजों का समय रहते इलाज किया जा सकता है।
किन लोगों को होती है जरूरत
. जिन लोगों में कोरोना से जुड़े लक्षण दिख रहे हो या होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग
. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सांस से जुड़ी बीमारी से पीड़ित लोद
. कोरोना मरीज के संपर्क में आए लोग
. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, फेफड़ों और दिल से जुड़ी बीमारी होने पर
. ज्यादा थकान व हल्के बुखार जैसे मामूली लक्षण दिखें तो।
इस बात का रखें ख्याल
ध्यान रखे कि रीडिंग लेते वक्त नेल पेंट ना लगा हो और नाखून भी कटे हो। साथ ही हाथ ठंडे, बल्ड सर्कुलेशन खराब नहीं होना चाहिए। ऐसी स्थिति में डिवाइस ऑक्सीजन लेवल डिटेक्ट नहीं कर पाती।