बच्चों की बॉडी पेन की वजह कहीं ''ग्रोइंग पेन'' तो नहीं? राहत दिलाएंगे घरेलू नुस्खे
punjabkesari.in Thursday, Sep 03, 2020 - 11:42 AM (IST)
बच्चे के विकास की उम्र में उसके शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। कई बच्चों के हाथों, पैरों व शरीर में दर्द होता है। ऐसे में बहुत से बच्चे दर्द सहन न कर पाने के चलते रोने व चिल्लने लगते हैं। मगर इसपर आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। बच्चों में यह दर्द होना आम बात है। मुख्य रूप से यह दर्द बच्चों को 3 से 12 साल की उम्र के बीच होता है। ऐसे में इसे ग्रोइंग पेन कहा जाता है। इसमें बच्चे को खासतौर पर शाम और रात के दौर उसके मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है। इसे कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है तो चलिए जानते हैं इससे राहत पाने के कुछ उपाय...
मसाज से मिलेगी राहत
अगर आपके बच्चे को शरीर में ज्यादा दर्द हो रहा है तो इसके लिए किसी भी तेल को गुनगुना गर्म कर उसकी मसाज करें। इससे उसको उसे दर्द से आराम मिलने के साथ मांसपेशियों और हड्डियों में मजबूती आएगी।
स्ट्रेचिंग से मिलेगा आराम
अगर आपके बच्चे के हाथ व पैरों में असहनीय दर्द हो रहा हो तो ऐसे में उन्हें स्ट्रेचिंग करवाएं। इससे उनकी नसों को आराम मिलने से दर्द से छुटकारा मिलेगा। असल में बच्चों के टिश्यूज सॉफ्ट होने के कारण उन्हें बढ़ती उम्र में शरीर में दर्द होने का अहसास होता है। ऐसे में इससे बचने और उनके सही तरीके से विकास के लिए रोजाना थोड़ी देर के लिए स्ट्रेचिंग व एक्सरसाइज करवाने से काफी लाभ मिलता है।
बाहर खेलने बच्चे
बच्चों के बेहतर विकास और बीमारियों से बचाव रखने के लिए उन्हें घर में कैद करने की जगह बाहर घूमने जाने की परमिशन दें। बच्चों को बाहर कुछ देर के लिए खेलने- कूदने दें। इससे उनका शरीर बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही बॉडी पेन से राहत मिलती है।
साइकलिंग है बेस्ट ऑप्शन
दिनभर एक जगह बैठे रहने से भी शरीर में दर्द होने लगता है। ऐसे में बच्चे को सुबह या शाम के समय खुली हवा में साइकिल चलाने को कहें। इससे उसके शरीर का विकास सही तरीके से होने में मदद मिलेगी। साथ ही किसी भी तरह के दर्द से छुटकारा मिलेगा।
सिंकाई करें
गर्म सिंकाई करने से भी दर्द से राहत मिलती है। आप किसी कपड़े को गर्म कर या बोतल में गर्म पानी भरकर बच्चे की दर्द वाली जगह पर सिंकाई कर सकते हैं। इसके अलावा नहाने के पानी को गुनगुना गर्म कर उसमें सेंधा नमक मिलाकर भी बच्चे को नहा सकते हैं। इससे भी उसके दर्द को कम होने में मदद मिलेगी।
विटामिन डी और मैग्नीशियम से भरपूर चीजें
अक्सर शरीर को सही व उचित तत्व न मिलने से शरीर में दर्द होने के साथ जल्दी ही बीमारियों के लगने का खतरा रहता है। ऐसे में बच्चे की डाइट का विशेष ध्यान रखें। उसे खासतौर पर विटामिन-डी और मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन करवाए। ताकि उसकी हड्डियों और मांसपेशियों में मजबूती आ सके। साथ ही जिन बच्चों को पहले से दर्द की शिकायत है उनका दर्द दूर हो सके। इसके लिए आप उन्हें हरी सब्जियां जैसे कि- पालक, साग, टमाटर, पालक आदि, फल, ड्राई फ्रूट्स,अंडा, दूध आदि खिला सकते हैं।
हल्दी दूध या हर्बल- टी
औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी को दूध में गर्म कर पीने से भी हड्डियों व मांसपेशियों में होने वाले खिंचाव व दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा आप उसे हर्बल या ग्रीन-टी का सेवन करने के लिए भी दे सकते हैं।
ग्रोइंग पेन किलर खिलाने से बचें
अक्सर पेरेंट्स बच्चे की विकास के दिनों में उसे ग्रोइंग पेन होने से बच्चों को दर्द से राहत दिलाने के लिए दवाइयां खिलाने लगते हैं। मगर ऐसा करना गलत होता है। इससे भले ही बच्चे को दर्द से छुटकारा मिल जाए। मगर उसकी किडनी पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।