अयोध्या में बसंत पंचमी से हो गई होली की शुरुआत, 40 दिनों तक रंगों से खूब खेलेंगे भगवान और संत

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 07:50 PM (IST)

नारी डेस्क: होली खेले रघुबीरा ,अवध में होली खेले रघुबीरा होली मथुरा, काशी ही नही होली अयोध्या का भी प्रमुख त्योहार है और यहां ये उत्सव 40 दिनों तक चलता है। राम की नगरी में बसंत पंचमी से ही होली महोत्सव की शुरुआत हो जाती है। इस दौरान संत, श्रद्धालु और भक्त अलग-अलग रंगों के साथ होली खेलते हैं और मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। चलिए जानते हैं इस पूरी परंपरा के बारे में 

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 अयोध्या में 40 दिनों तक चलने वाली होली का महत्व

अयोध्या को भगवान श्रीराम की जन्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है, और यहाँ होली का त्योहार सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि भक्ति और श्रद्धा का भी प्रतीक होता है। बसंत पंचमी से लेकर धुलंडी तक, संत-महंत और भक्त भजन-कीर्तन के साथ रंगों की होली खेलते हैं। राम जन्मभूमि मंदिर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, नागेश्वरनाथ मंदिर और अन्य प्रमुख मंदिरों में भव्य आयोजन होते हैं। हर दिन कीर्तन, रामचरितमानस पाठ और फूलों की होली खेली जाती है।

 

गुलाल और अबीर से महक उठती है अयोध्या
 

संत और भक्त गुलाल, अबीर और प्राकृतिक रंगों से होली खेलते हैं। कई जगहों पर फूलों की होली भी खेली जाती है, जिसमें श्रद्धालु भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के भजन गाते हुए आनंद लेते हैं।  संतों की टोलियाँ नगर भ्रमण करती हैं और होली के पारंपरिक गीत गाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। विभिन्न आश्रमों में रासलीला और रामलीला का मंचन भी होता है।

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विशेष भोग और प्रसाद

इस दौरान मंदिरों में ठंडाई, गुजिया, पापड़ी, खीर, मालपुआ आदि का प्रसाद वितरित किया जाता है। भक्तगण भगवान को भोग अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करते हैं। अयोध्या की 40 दिवसीय होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक महोत्सव है, जहां श्रद्धालु भक्ति, संगीत, रंग और आनंद में डूबकर भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करते हैं।

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 40 दिनों तक मनाई जाने वाली प्रमुख होलियां

बसंत पंचमी (शुभारंभ) – पीले रंगों से होली
फूलों की होली – भक्तों और संतों द्वारा
गुलाल की होली – संतों का विशेष आयोजन
धूलिवंदन – धूल और अबीर के रंगों की होली
धुलंडी (मुख्य होली) – पूरे शहर में धूमधाम से


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vasudha

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