होरी खेलन पधारो श्री वृन्दावन में... ब्रज में शुरू हुआ होली का खुमार, रंगों से भीगे कान्हा के भक्त

punjabkesari.in Wednesday, Mar 06, 2024 - 04:02 PM (IST)

देश के उत्तरी हिस्से में अब भी मौसम में सर्दी का प्रभाव होने के कारण जहां अभी होली मनाने को लेकर कोई हलचल नहीं है वहीं कान्हा की नगरी में होली का धूम धड़ाका तेज होने लगा है। क्योंकि कहा जाता है कि नन्द जू के आंगन में हर दिन बस होली है मन्दिरों में तो होली बसंत के शुरू होने के साथ से ही चल रही है इस दिन विभिन्न मन्दिरों में होली का डाढ़ा गाड़ दिया जाता है और उसी दिन से गर्भगृह में श्यामाश्याम की गुलाल की होली के बाद रोज राजभोग सेवा में मन्दिरो के गर्भगृह से जगमोहन में मौजूद भक्तों में यही गुलाल प्रसाद स्वरूप डाला जाता है।

PunjabKesari

 अलग अलग तिथियों से मन्दिर के जगमोहन या चैक में होली के रसिया का गायन शुरू हो जाता है।  रंग भरनी एकादशी से मन्दिरों मे श्यामसुन्दर और किशोरी जी रंग की होली खेलते हैं तथा भक्तों में भी यह रंग प्रसादस्वरूप पड़ता है। ब्रजमंडल में रंग की होली की शुरूवात रमणरेती आश्रम की होली से होती है जो फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। आश्रम के वरिष्ठ संत गोविन्दानन्द जी महराज ने बताया कि इसके अन्तर्गत पहले श्यामाश्याम की फूलों की होली होती है तथा बाद में गुलाल और टेसू के रंग की होली होती है। 

PunjabKesari
इस होली की विशेषता यह है कि इसमें ब्रज के महान संत कार्णि गुरूशरणानन्द महराज भी सम्मिलित होते हैं। यहां होली खेलने के बाद लोग यमुना में स्नान करते हैं और फिर आश्रम में ही प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस बार रमणरेती आश्रम की होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर राजस्थान की सीमा पर पड़नेवाला श्रीनाथ जी मन्दिर ब्रज का एकमात्र मन्दिर है जहां पर श्यामाश्याम की गुलाल की होली तो बसंत से शुरू हो जाती है किंतु इस मन्दिर में रंग की होली रंगभरनी एकादशी से शुरू नही होती।

PunjabKesari
 मन्दिर के प्रमुख चन्दू मुखिया ने बताया कि मन्दिर में केवल होली के दिन श्यामसुन्दर और किशोरी जी पहले टेसू के गुनगुने रंग से होली खेलते हैं बाद में यही रंग प्रसाद स्वरूप चांदी की पिचकारी से भक्तों पर डाला जाता है। इस मन्दिर में रंग होली के दिन ही केवल राजभोग सेवा तक चलता है । शाम को ठाकुर का अनूठा श्रंगार होता है तथा इस श्रंगार को करने में सेवायत को कम से कम तीन चार घंटे लग जाते हैं। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News

static