HMPV वायरस: छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा, न दवा और न ही वैक्सीन, सावधानी ही बचाव
punjabkesari.in Tuesday, Jan 07, 2025 - 04:18 PM (IST)
नारी डेस्क: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन तंत्र का वायरस है, जिसकी पहचान सबसे पहले साल 2001 में हुई थी। हाल ही में, चीन में इस वायरस ने दहशत फैला दी है और भारत में भी इसके पांच मामले सामने आए हैं। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब तक इस वायरस की कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
भारत में HMPV के मामले
भारत में HMPV वायरस के अब तक पांच मामले सामने आए हैं। सबसे पहले दो मामले बेंगलुरु में मिले, जहां आठ महीने और तीन महीने के दो बच्चों को यह संक्रमण हुआ। इसके बाद गुजरात में दो महीने के एक बच्चे में HMPV की पुष्टि हुई। चेन्नई में भी दो मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
#HMPVVirus | 3 cases detected in India
— TIMES NOW (@TimesNow) January 6, 2025
There is no need to panic... It is in the literature that this virus infects young infants from 6 months to 5 years of age...: @amitavb1 speaks to @HeenaGambhir pic.twitter.com/P0P5qgJgtW
HMPV वायरस कितना खतरनाक है?
HMPV वायरस कोरोना की तरह खतरनाक हो सकता है, अगर यह गंभीर रूप से म्यूटेट हो जाए। यह वायरस खासतौर पर दो साल से छोटे बच्चों और कमजोर इम्युनिटी वाले बुजुर्गों को तेजी से प्रभावित करता है। संक्रमण के लक्षणों में बुखार, खांसी और जुकाम शामिल हैं।
यह वायरस उन लोगों के लिए खतरनाक है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। कुछ गंभीर मामलों में मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, फिलहाल इस वायरस के गंभीर म्यूटेशन के बारे में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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HMPV के लक्षण और इलाज
HMPV संक्रमण के लक्षण साधारण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सर्दी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं। संक्रमण का पीरियड तीन से छह दिनों का होता है। चूंकि इस वायरस की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन मौजूद नहीं है, इसलिए इसका इलाज केवल लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर मरीज की स्थिति देखकर बुखार कम करने या खांसी के लिए दवाएं देते हैं।
Who’s most at risk from HMPV virus? People with weak immune systems and older adults face higher risks of severe health impacts. For children, HMPV can lead to serious conditions like bronchiolitis and pneumonia#HMPVCase #HMPvirus #HMPVoutbreak #HMPVinIndia #hmpvvirus pic.twitter.com/HaY6LLizvN
— Oneindia News (@Oneindia) January 6, 2025
कैसे फैलता है HMPV वायरस?
HMPV वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। यह नॉन-लिविंग सतहों जैसे टेबल, कुर्सी और दरवाजों के जरिए भी ट्रांसमिशन कर सकता है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर जाता है और सतहों को छूता है, तो यह वायरस तेजी से फैल सकता है।
बचाव के उपाय
हाथ धोने की आदत डालें: साबुन और पानी से हाथ धोने की आदत अपनाएं।
मास्क पहनें: सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय मास्क का उपयोग करें।
साफ-सफाई का ध्यान रखें: घर और सार्वजनिक स्थानों की सतहों को नियमित रूप से साफ करें।
लक्षण दिखने पर अलग रहें: अगर किसी को खांसी, जुकाम या बुखार हो, तो उसे तुरंत अलग रहना चाहिए।
पब्लिक प्लेस पर जाने से बचें: संक्रमण के लक्षण दिखने पर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
#HMVPVirus #hmv First HMPV virus case detected in Bengaluru in an 8 months old child.
— Sania Rai (@Saniarai932) January 6, 2025
Symptoms:
- Cough
- Fever
- Runny or stuffy nose
- Sore throat
- Wheezing
- Shortness of breath (dyspnea).
- Rash pic.twitter.com/mKEb7OaL7E
क्या HMPV वायरस COVID-19 जैसा खतरनाक हो सकता है?
HMPV वायरस का म्यूटेशन कितना गंभीर है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है। अगर यह वायरस खराब तरीके से म्यूटेट हुआ, तो यह कोरोना जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। हालांकि, फिलहाल पैनिक करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर नजर बनाए हुए है।
HMPV वायरस बच्चों और कमजोर इम्युनिटी वाले बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसकी वैक्सीन और दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए सावधानी ही सबसे अच्छा बचाव है। मास्क पहनना, हाथ धोना और लक्षणों को गंभीरता से लेना संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ इस पर नजर रख रहे हैं, लेकिन हर व्यक्ति को अपने स्तर पर सतर्क रहना चाहिए।