अयोध्या जाकर राम मंदिर ही नहीं, बल्कि करें इन ऐतिहासिक स्थानों के भी दर्शन
punjabkesari.in Wednesday, Aug 05, 2020 - 04:15 PM (IST)
अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है। 5 अगस्त यानी आज अयोध्या की पावन नगरी में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हो गया है। इस विशेष मौके पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस मंदिर का नींव पत्थर रखा गया है। इस पावन दिन का भगवान के सभी भक्तों को कई वर्षों से इंतजार था। अब उनका यह लंबा इंतजार खत्म हो गया है। मगर कोरोना वायरस की वजह से राम मंदिर भूमि पूजन पर अधिक संख्या पर लोग पहुंच पाएं। मगर इस भूमि पूजन का दूरदर्शन के माध्यम से लाइव प्रसारण होने से लोगों द्वार दर्शन किए गए। तो चलिेए आज हम आपको अयोध्या के कुछ खूबसूरत स्थानों के बारे में बताएंगे। तैकि आप जब भी भगवान राम की नगरी अयोध्या जाए तो इन स्थानों के दर्शन जरूर कर सके...
हनुमान गढ़ी
हनुमान गढ़ी मंदिर संकटमोचन हनुमान जी का एक विशाल मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण काल 10 वीं सदी माना जाता है। इस पवित्र मंदिर में जाने के बाद लगभग 76 सीढ़ियां पार करनी पड़ती है। मान्यता है कि अयोध्या में पहुंच कर सबसे पहले पवनसुत हनुमान जी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। कहा जाता है कि भगवान राम के दर्शन करने से पहले हनुमान जी की आज्ञा लेनी पड़ती है। ऐसे में हनुमान जी के मंदिर में जाने के बाद ही अन्य किसी मंदिरों के दर्शन करने जाएं।
नागेश्वरनाथ मंदिर
यह भोलेनाथ का एक विशाल मंदिर है। मान्यता है कि भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण प्रभु श्रीराम के बड़े पुत्र कुश ने करवाया था। सावन और शिवरात्रि पर शिवजी की कृपा पाने के लिए लोग इस भव्य मंदिर में आते हैं।
कनक भवन
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यह मंदिर माता सिता को विवाह के बाद माता कौशल्या ने उनकी मुंह दिखाई के रूप में भेंट स्वरूप दिया था। इस पवित्र भवन को सोने का घर भी कहा जाता है। इस भवन में प्रभु श्रीराम की माता सीता के साथ सोने के मुकुट वाली मूर्तियां स्थापित हैं। दिखने में यह भवन काफी बड़ा और सुंदर है।
दशरथ भवन
यह भवन अयोध्या शहर के बीच स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी जगह पर भगवान राम के पिता यानी अयोध्या के राजा दशरथ रहते थे। दिखने में बहुत ही बड़ा और सुंदर है। बात इस भवन की सजावट की करें तो यह बेहद ही सुंदर तरीके से की गई है।
मणि पर्वत
इस पर्वत का महत्व बेहद ही धार्मिक और पौराणिक माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जब पवनपुत्र हनुमान लक्षमण जी के लिए संजीवनी बूटी लेकर लंका जा रहे थे, तब उस पर्वत का एक हिस्सा अयोध्या के इस हिस्से में गिरा था। जहां पर संजीवनी पर्वत का एक भाग था। वह हिस्सा मणि पर्वत के नाम से जाना गया। इस पर्वत की खूबसूरती देखने वाली होती है।
सीता की रसोई
अयोध्या में एक सीता की रसोई नाम का मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी जगह पर देवी सीता की रसोई थी। नए तैयार मंदिर की एक जगह पर सीता माता की इस रसोई घर का नमूना भी बनाया गया है। इसके साथ ही मंदिर के चारों ओर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और उनकी पत्नियों की मूर्तियां स्थापित हैं।
गुप्तार घाट
यह अयोध्या के सरयू घाट पर बना है। मान्यता है कि इसी स्थान पर प्रभु श्रीराम ने जल में समाधि लेकर ध्यान किया था। इसके बाद ही वे बैकुंठ को प्राप्त हो भगवान विष्णु के रूप में लौटे थे। उसी दिन से ही इस घाट को तीर्थ स्थल के रूप पूजा जाने लगा। इस घाटी के पास कई सुंदर और आकर्षित मंदिर बने हुए है। इनमें से राम मंदिर, नरसिंह मंदिर और चक्रहारी मंदिर बहुत सुंदर बने है। यहां पूरे साल लोग मंदिर के दर्शन कर भगवान जी की कृपा पाने आते हैं।