इस इत्र नगरी की सुगंध है दुनियाभर में मशहूर, यहां मिट्टी से भी बना दिया जाता है Perfume
punjabkesari.in Thursday, Jul 27, 2023 - 11:58 AM (IST)
उत्तर प्रदेश का कन्नौज भारत में इत्र का शहर है। यह इत्र के लिए समर्पित दुनिया का सबसे पुराना विरासत शहर भी है। इत्र बनाने की परम्परा यहां सदियों से चली आ रही है, जिसके चलते ही इसे भारत की इत्र नगरी के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां आपको पहली बारिश की खुशबू भी एक बोतल में मिल जाएगी। इसकी महक भारत में ही नहीं दूर देशों में भी फैल रही है।
विडंबना यह है कि गीली मिट्टी का इत्र मानसून के दौरान नहीं बनाया जाता है। गीली मिट्टी का इत्र पृथ्वी की ऊपरी मिट्टी का उपयोग करके, मिट्टी को पकाकर और फिर सार निकालने के लिए प्राचीन जल-आसवन प्रक्रिया का उपयोग करके बनाया जाता है। कन्नौज में आपको सार निकालने के लिए तांबे के बर्तनों की कतारें मिलेंगी जिन्हें 'देघ' और 'भपका' कंडेनसर के नाम से जाना जाता है।
मिट्टी के इत्र को बनाने के लिए सबसे पहले तांबे के एक बड़े बर्तन में मिट्टी को काफी देर तक पकाया जाता है। फिर आसवन विधि के द्वारा पकी हुई मिट्टी की खुशबू को बेस ऑयल के साथ संघनित किया जाता है। इस प्रक्रिया से बेस ऑयल में मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू मिल जाती है और एक खुशबूदार इत्र तैयार हो जाता है। इस मिट्टी से बने इत्र की चर्चा उ.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2015 में अपने फ्रांस दौरे के दौरान भी की थी। उन्होंने कहा था कि हमारे भारत में कन्नौज जिले के इत्र कारोबारी एक ऐसे इत्र का निर्माण करते है जिसकी खुशबू दुनिया भर के इत्र से अलग होती है। जो आज पूरे विश्व में फैलकर उसे अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
कन्नौज में इत्र बनाने की करीब 350 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। यहां बना इत्र दुनियाभर के 60 से ज्यादा देशों में भेजा जाता है. इस कारोबार में फूलों की खेती से 50 हजार से ज्यादा किसान शामिल हैंञ. ये इत्र यूएसए, यूके, दुबई, सऊदी अरब, फ्रांस, ओमान, सिंगापुर समेत कई देशों में भेजे जाते हैं। कन्नौज में दुनिया के सबसे सस्ते इत्र से लेकर सबसे महंगे इत्र बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे महंगा इत्र 'अदरऊद' है।