Heart Disease Symptoms: शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझें जाएं हार्ट होने वाला है फेल

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 10:24 AM (IST)

 नारी डेस्क:  Heart Disease Symptoms: दिल की बीमारियां आजकल काफी तेजी से बढ़ रही हैं। गलत खानपान, तनाव, प्रदूषण और असंतुलित जीवनशैली की वजह से हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर का खतरा ज्यादा हो गया है। कई बार शरीर पहले से ही हमें संकेत दे देता है, लेकिन हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।

सांस फूलना

अगर बिना मेहनत किए या थोड़ी-सी सीढ़ियां चढ़ने या हल्का काम करने पर भी सांस फूलने लगे, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह दिल के कमजोर होने और फेफड़ों तक ऑक्सीजन की कमी का संकेत है। हार्ट की मांसपेशियां जब ठीक से ब्लड पंप नहीं कर पातीं, तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और तुरंत थकान व सांस फूलने लगती है। लगातार ऐसा होने पर यह हार्ट फेलियर का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

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पैरों और टखनों में सूजन

अगर पैरों, टखनों या यहां तक कि पेट में भी सूजन आने लगे, तो यह सिर्फ पानी पीने या ज्यादा देर खड़े रहने की वजह से नहीं होता। दरअसल, जब दिल कमजोर पड़ जाता है और ब्लड पंप करने में दिक्कत आने लगती है, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है। यह फ्लूइड पैरों और टखनों में जमा होकर सूजन पैदा करता है। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है और इसे नज़रअंदाज़ करना बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

 सीने में लगातार दर्द

सीने में भारीपन, दबाव या जलन जैसी परेशानी को अक्सर लोग गैस या एसिडिटी समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है और आराम करने पर भी ठीक नहीं हो रही, तो यह हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। जब दिल की धमनियों में ब्लॉकेज आ जाता है, तो हार्ट की मांसपेशियों को ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है और सीने में तेज दर्द या भारीपन महसूस होता है।

 लगातार थकान और कमजोरी

अगर बिना मेहनत किए भी हमेशा थकान महसूस हो, तो इसे आलस या कमजोरी समझकर हल्के में न लें। यह दिल के कमजोर होने का स्पष्ट संकेत है। जब हार्ट ठीक से ब्लड और ऑक्सीजन को पूरे शरीर में नहीं पहुंचा पाता, तो मांसपेशियां और अंग कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में छोटे-छोटे काम करने पर भी शरीर थक जाता है और लगातार कमजोरी महसूस होती है।

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अनियमित धड़कन

दिल की धड़कन का सामान्य रूप से तेज या धीमा होना चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर हार्टबीट अचानक बहुत तेज हो जाए, रुक-रुक कर चले या अनियमित हो जाए, तो यह खतरनाक है। इसे मेडिकल भाषा में अरिदमिया कहा जाता है। यह दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के गड़बड़ होने की वजह से होता है और समय पर इलाज न मिलने पर हार्ट फेलियर या स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है।

बार-बार खांसी

लगातार खांसी आना और बलगम निकलना सिर्फ एलर्जी या सर्दी-जुकाम की वजह से नहीं होता। जब हार्ट कमजोर पड़ता है, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, खासकर फेफड़ों में। इसकी वजह से फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। नतीजा यह होता है कि बार-बार खांसी आती है और कई बार झागदार बलगम भी निकलने लगता है। यह दिल की बीमारी का छुपा हुआ लक्षण हो सकता है।

बार-बार पेशाब आना

हार्ट फेलियर में शरीर अतिरिक्त फ्लूइड को बाहर निकालने की कोशिश करता है। इस वजह से खासकर रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या बढ़ जाती है। यह लक्षण कई बार किडनी या शुगर की बीमारी से भी जुड़ा हो सकता है, लेकिन अगर इसके साथ ऊपर बताए गए अन्य लक्षण भी दिख रहे हों, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

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कब कराएं जांच?

अगर आपको एक साथ ये कई लक्षण महसूस हों जैसे सांस फूलना, पैरों में सूजन, चेस्ट पेन, धड़कनों का अनियमित होना और थकान तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें और ईसीजी, ईको, ब्लड टेस्ट या स्ट्रेस टेस्ट जैसी जांच करवाएं। समय रहते सावधानी बरतना आपकी जान बचा सकता है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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