चुपचाप फैलती है आंत से जुड़ी यह बीमारी, इन लक्षणों को कभी न करें इग्नोर
punjabkesari.in Saturday, Dec 27, 2025 - 12:14 PM (IST)
नारी डेस्क: आंतें हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा हैं। ये सिर्फ भोजन पचाने का काम नहीं करतीं, बल्कि हानिकारक पदार्थ और गंदगी बाहर निकालने में भी मदद करती हैं। लेकिन कभी-कभी बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी आंतों में बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे हमें पेट दर्द, कब्ज, उल्टी, बुखार और हॉर्मोन असंतुलन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
आंतों में इंफेक्शन क्यों होता है?
आंतों में संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं।
गंदा पानी और दूषित भोजन: खराब पानी या खाना खाने से बैक्टीरिया आंतों में बढ़ सकते हैं।
बार-बार एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन: लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल शरीर की प्राकृतिक बैक्टीरिया संतुलन को बिगाड़ सकता है।
कमजोर पाचन प्रणाली: पेट कमजोर होने पर संक्रमण जल्दी फैल सकता है।
स्वच्छता का ध्यान न रखना: बिना हाथ धोए खाना खाने से भी संक्रमण फैल सकता है।
जंक फूड और तनाव: लगातार जंक फूड खाना और तनाव में रहना भी आंतों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
इन कारणों से आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया और परजीवी बढ़ने लगते हैं, जिससे पेट खराब होने लगता है और कभी-कभी कीड़े भी हो सकते हैं।

आंतों की देखभाल कैसे करें?
आयुर्वेद में आंतों की सेहत के लिए कई आसान और असरदार उपाय बताए गए हैं।
छाछ का सेवन
रोजाना दोपहर में छाछ पीना आंतों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह पेट को ठंडक पहुंचाता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया कम होते हैं। अगर आप इसमें हींग और जीरा मिलाकर पीते हैं तो यह न सिर्फ पेट दर्द और गैस की समस्या को दूर करता है, बल्कि कब्ज और अपच जैसी परेशानियों से भी राहत देता है। नियमित रूप से छाछ का सेवन आंतों की सफाई और संक्रमण से बचाव में मदद करता है।
अनार का रस
अनार का रस आंतों के लिए एक प्राकृतिक औषधि जैसा काम करता है। अगर पेट खराब हो, दस्त की समस्या हो या भोजन पचाने में कठिनाई हो रही हो, तो अनार का रस पीने से लाभ मिलता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंतों की सूजन और इंफेक्शन को कम करते हैं। अनार का रस न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है, जिससे आंतों में बैक्टीरिया और संक्रमण से बचाव होता है।

बेल का जूस
बेल का जूस ठंडक देने वाला और अतिसार नाशक माना जाता है। यह गर्मियों में विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि इस समय पेट संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं। बेल का जूस आंतों को साफ करने में मदद करता है और कब्ज, पेट दर्द और जलन जैसी समस्याओं को कम करता है। इसके नियमित सेवन से आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन बना रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद में आंतों की सफाई के लिए एक शक्तिशाली उपाय माना गया है। इसे गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज या पेट में जमी गंदगी बाहर निकलती है। त्रिफला का नियमित सेवन शरीर से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालता है और आंतों की सेहत सुधारता है। इससे आंतों में संक्रमण के फैलने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

हल्दी वाला दूध
दूध में हल्दी मिलाकर पीना आयुर्वेद में प्राचीन समय से आंतों के लिए लाभकारी माना गया है। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट और आंतों की सूजन को कम करते हैं। यह संक्रमण और बैक्टीरिया को मारने में भी मदद करता है। नियमित रूप से हल्दी वाला दूध पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, कब्ज और गैस जैसी समस्याएं कम होती हैं, और आंतों की कुल सेहत सुधरती है।
नजरअंदाज न करने वाले संकेत
अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो तुरंत ध्यान दें
लगातार पेट दर्द या ऐंठन
कब्ज या दस्त की समस्या
उल्टी या बुखार
थकान, कमजोरी या पाचन समस्या
भूख में कमी या वजन घटना
इन संकेतों को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। समय रहते इलाज और आंतों की देखभाल करना बहुत जरूरी है।

