हार्ट अटैक से पहले मिलते हैं ये अलर्ट सिग्नल, इन चीजों से बचाई जा सकती है जान

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 12:44 PM (IST)

नारी डेस्क: आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी, अनहेल्दी खानपान और तनाव भरी दिनचर्या के कारण हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंडियन हार्ट असोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 20 लाख लोग हार्ट डिजीज के शिकार हो जाते हैं, जिनमें अधिकांश मामलों में हार्ट अटैक शामिल हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि यह बीमारी अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक अचानक नहीं आता, बल्कि शरीर पहले से ही कई चेतावनी संकेत (अलर्ट सिग्नल) देने लगता है? अगर इन शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए और जरूरी कदम उठाए जाएं, तो किसी की भी जान बचाई जा सकती है। आइए जानते हैं हार्ट अटैक से पहले मिलने वाले संकेत और उन जरूरी उपायों के बारे में जो आपकी जान बचा सकते हैं।

हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण

हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। इसके लक्षण कई हफ्तों पहले से दिखने लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन हार्ट असोसिएशन (AHA) के अनुसार, हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण सीने में दबाव, भारीपन या निचोड़ने जैसा दर्द होता है। यह दर्द कुछ मिनटों तक रहता है और बार-बार हो सकता है। लोग इसे सामान्य दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसके अलावा, बिना मेहनत किए सांस का फूलना और बाई बांह, कंधे, गर्दन, जबड़े, पेट या पीठ में अचानक दर्द होना भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। रात में बार-बार नींद का टूटना या उल्टी जैसा महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। जब हार्ट ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता तो पैरों या टखनों में सूजन आ सकती है।

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हार्ट अटैक से बचने के तरीके

हार्ट अटैक के बाद के पहले 60 मिनट को 'गोल्डन आवर' कहा जाता है। इस दौरान इलाज मिलने से जान बचने के चांस 90 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। इसलिए इस समय पर तुरन्त कार्रवाई करना बहुत जरूरी है।

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सबसे पहला और जरूरी कदम है आपातकालीन नंबर पर कॉल करना। अगर आप अकेले हैं तो किसी परिचित को भी जानकारी दें। इस दौरान खुद गाड़ी चलाना ठीक नहीं है, क्योंकि रास्ते में परेशानी बढ़ सकती है।

एस्पिरिन

अगर आपको हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप 300 मिलीग्राम एस्पिरिन की गोली ले सकते हैं। यह खून को पतला करती है और खून के थक्के बनने से रोकती है, जो हार्ट अटैक का मुख्य कारण होते हैं। हालांकि, एस्पिरिन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

नाइट्रोग्लिसरीन

अगर आप हार्ट पेशेंट हैं, तो डॉक्टर की सलाह से नाइट्रोग्लिसरीन की दवाई ले सकते हैं। यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करती है और सीने के दर्द को कम करने में मदद करती है।

सीपीआर (CPR)

अगर किसी को हार्ट अटैक के बाद बेहोशी की स्थिति में सांस नहीं आ रही है, तो तुरंत सीपीआर शुरू करें। यदि सीपीआर के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप हाथों से सीपीआर (हैंड्स-ऑनली सीपीआर) दे सकते हैं। इसके लिए छाती के बीच में 100 से 120 बार प्रति मिनट की गति से दबाव डालें। इससे रक्त प्रवाह बनाए रखने में मदद मिलेगी और जान बच सकती है।

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हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है, लेकिन समय रहते चेतावनियों को पहचानकर आप अपनी जान बचा सकते हैं। सही समय पर इलाज और सावधानी से हार्ट अटैक के प्रभाव को कम किया जा सकता है। अगर आपको या किसी और को हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते हैं तो तुरंत कार्रवाई करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
 

 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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