कृष्ण-राधा ने प्रेम किया पर विवाह क्यों नहीं? जानिए इस सबसे बड़े रहस्य के बारे में
punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 01:06 PM (IST)
नारी डेस्क: भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कथा भारतीय पौराणिक कथाओं और भक्ति परंपरा में अत्यधिक पूजनीय है। हालांकि, उनके प्रेम को बहुत ऊंचा माना जाता है, लेकिन फिर भी उन्होंने एक-दूसरे से विवाह नहीं किया था। इसके पीछे कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक कारण बताए जाते हैं। इन कारणों से, भगवान कृष्ण और राधा ने विवाह नहीं किया। उनका प्रेम संसार में भक्ति, समर्पण, और आत्मा के मिलन का प्रतीक है, जो किसी भी सांसारिक बंधन से परे है।
अलौकिक प्रेम का प्रतीक
कृष्ण और राधा का प्रेम शारीरिक प्रेम से परे एक दिव्य और अलौकिक प्रेम का प्रतीक है। यह प्रेम सांसारिक बंधनों से मुक्त है और आत्मा के स्तर पर है, जिसमें कोई भी सांसारिक संबंध, जैसे विवाह, शामिल नहीं है।
यह भी पढ़ें: https://nari.punjabkesari.in/nari/news/this-janmashtami-be-ready-like-yashoda-maiya-with-little-gopal-2025171
धर्म और कर्तव्य
कृष्ण ने राधा से विवाह नहीं किया क्योंकि उनका अवतार धर्म की स्थापना के लिए था। उन्होंने अपने जीवन को यशोदा और नंद के पुत्र के रूप में व्यतीत किया, जो गोपियों और राधा के साथ उनके संबंधों में भी देखा जा सकता है। उनकी जीवन यात्रा का मुख्य उद्देश्य मानवता को धर्म और सत्य की राह दिखाना था, और इसलिए उन्होंने राधा से विवाह नहीं किया।
प्रेम और भक्ति की ऊंचाई
राधा और कृष्ण का प्रेम सांसारिक प्रेम से बहुत ऊपर है। राधा और कृष्ण का संबंध भक्त और भगवान के बीच के संबंध का प्रतिनिधित्व करता है। राधा को भगवान की सर्वोच्च भक्त माना जाता है, और उनके प्रेम को भक्त और भगवान के बीच की सबसे गहरी भक्ति के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार, उनका प्रेम विवाह से भी परे है।
यह भी पढ़ें: https://nari.punjabkesari.in/nari/news/chant-these-miraculous-mantras-of-lord-krishna-on-janmashtami-2025102
कृष्ण का कर्तव्य
भगवान कृष्ण का जीवन कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से भरा हुआ था। उन्होंने द्वारका में जाकर रुक्मिणी, सत्यभामा और अन्य रानियों से विवाह किया, जो उनके कर्तव्य का हिस्सा था। उन्होंने धर्म और न्याय की स्थापना के लिए कर्म किए, और इसलिए उनका विवाह राधा से नहीं हुआ।
राधा का व्यक्तित्व
कुछ कथाओं में यह भी कहा गया है कि राधा भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी का अवतार थीं, और उनका जन्म कृष्ण के प्रेम को पूर्णता देने के लिए हुआ था न कि विवाह के लिए। राधा और कृष्ण का प्रेम इस संसार में एक असाधारण उदाहरण के रूप में देखा जाता है।