महाकालेश्‍वर का ये अद्भुत श्रृंगार आपने देखा क्या ? महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल बनेंगे दूल्‍हा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2024 - 04:31 PM (IST)

उज्‍जैन के महाकालेश्‍वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व शुरु हो चुका है, ऐसे में बाबा महाकाल का रोजाना विशेष शृंगार किया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, यहां शिव भक्त हर दिन अलग-अलग रूप में महाकाल के दर्शन करते हैं। शिव नवरात्रि के पांचवे दिन यानी कि कल बाबा महाकाल का श्री होलकर मुखौटा शृंगार किया गया, जिसे जिसने देखा वह देखता ही रह गया।


श्री होलकर मुखौटा शृंगार में  भगवान महाकाल को शाही होलकर पगड़ी पहनाई गई और चांदी का भव्‍य मुखौटा लगाया गया। महाकाल का होलकर शृंगार रूप बेहद अद्भुत और भव्‍य होता है। दरअसल महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बाबा महाकाल और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरे नौ दिन का तक ये उत्सव चलता है। 

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भगवान महाकाल का दूल्हा स्वरूप में श्रृंगार किया जाता है और एकादश ब्राह्मण रुद्र पाठ करते हैं। इस दौरान भक्त बाबा के नित नए स्वरूप का दर्शन करते हैं। बाबा महाकाल का छठे दिन मन महेश के रूप में आकर्षित शृंगार किया जाता है। इसके बाद महाशिवरात्रि पर राजाधिराज बाबा महाकाल दूल्‍हा बनेंगे। 

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बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर की महिमा का विभिन्न पुराणों में विशद वर्णन किया गया है। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल में लिंगम (स्वयं से पैदा हुआ), स्वयं के भीतर से शक्ति (शक्ति) को प्राप्त करने के लिए माना जाता है, अन्य छवियों और लिंगों के खिलाफ, जो औपचारिक रूप से स्थापित हैं और मंत्र के साथ निवेश किए जाते हैं- शक्ति। महाकालेश्वर की मूर्ति दक्षिणमुखी होने के कारण दक्षिणामूर्ति मानी जाती है। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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महाकाल मंदिर के ऊपर गर्भगृह में ओंकारेश्वर शिव की मूर्ति प्रतिष्ठित है। गर्भगृह के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में गणेश, पार्वती और कार्तिकेय के चित्र स्थापित हैं। दक्षिण में नंदी की प्रतिमा है। तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर की मूर्ति केवल नागपंचमी के दिन दर्शन के लिए खुली होती है। महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर के पास एक विशाल मेला लगता है, और रात में पूजा होती है।
 


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vasudha

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