7 साल की उम्र में खेलनी शुरु की थी शतरंज, अब बनी चुकी हैं चैस क्वीन
punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2020 - 05:22 PM (IST)
भारत में जब भी खेल का नाम आता है तो सबसे पहले क्रिकेट का नाम लिया जाता है। वहीं लड़कियों के लिए लॉन टेनिस और बैडमिटन पसंद किया जाता है। चेस में भारत के लोग अधिक रुचि नहीं दिखाते है लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इस मेंटल गेम की ओर रुचि दिखानी शुरु की खास कर महिलाओं ने। जिसका श्रेष्य भारत की सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को जाता है। आज हम आपको चेस की दुनिया की क्वीन नंबर दो यानि की हरिका द्रोणावल्ली के बारे में बताने जा रहे है। हरिका हंपी के बाद भारत की दूसरी महिला है जिन्होंने ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल किया है।
7 साल की उम्र में शुरु की चेस
12 जनवरी 1991 को हरिका का जन्म आंध्रप्रदेश के गुंटूर में हुआ था। हरिका के पिता रमेश पंचायती राज मंगलगिरी में डिप्टी एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के तौर पर काम करते थे। छोटी उम्र में हरिका की चेस से मुलाकात उसके पिता ने करवाई। हरिका के पिता ने उन्हें 7 साल की उम्र में ही चेस खेलने के लिए भेजना शुरु कर दिया था। चेस को हरिका एक खेल की तरह लेती थी लेकिन उन्हें नहीं पता लगा कि कब यह उनका पैशन बन गया। अपने जीवन में हरिका हमेशा ही हंगरी के चेस खिलाड़ी जुदित पोलगर से प्रेरित रही है।हरिका की शादी हैदराबाद के बिजनेसमेन कार्तिक चंद्रा के साथ हुई है।
2011 मेें हासिल किया ग्रेंडमास्टर का टाइटल
हरिका ने 2011 में ग्रेड मास्टर का टाइल हासिल किया था। 13 साल की उम्र में नेशनल टीम का हिस्सा बनने वाली हरिका ने अंडर9 नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड और वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अंडर 10 में सिल्वर मेडल हासिल किया था। वहीं 17 साल की उम्र में ही हरिका ने वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स चैस चैंपियनशिप 2008 का खिताब हासिल किया था।
हासिल कर चुकी है यह अवॉर्ड
हरिका 2007 में अर्जुन अवॉर्ड और 2019 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है। इसके साथ ही वह राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में 16 और 2012, 2015 और 2017 में महिला विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में 3 कांस्य पदक जीत चुकी है। इसके साथ ही वह 2007, 2010, में कॉमनवेल्थ वुमेन चेस चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकी है। इसके अतिरिक्त वह नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर कई तरह के अवॉर्ड और टाइटल हासिल कर चुकी है।