शुगर रोगियों के लिए वरदान है ये पाउडर, सिर्फ आधा चम्मच ही दिखा देगा कमाल

punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 06:19 PM (IST)

नारी डेस्क: गुड़मार (Gurmar) जिसे ‘मधुनाशिनी’ भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक बहुत ही गुणकारी औषधीय जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसका अर्थ ही होता है जो गुड़ (शक्कर) को नष्ट करे।  यानी यह ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए बेहतरीन है। अगर आप गुड़मार को रोज़ाना नियंत्रित मात्रा में लेते हैं, तो यह शरीर को डिटॉक्स, एनर्जी और रोग-प्रतिरोधक ताकत से भर देता है।  चलिए जानते हैं इसके चमत्कारी फायदों के बारे में 


गुड़मार शुगर लेवल कैसे संतुलित करती है

गुड़मार शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है, जिससे ब्लड में मौजूद शुगर कोशिकाओं तक पहुंचती है और ऊर्जा में बदल जाती है। इसके पत्तों में एक विशेष तत्व होता है जो जीभ की मीठा पहचानने की क्षमता को अस्थायी रूप से कम कर देता है, जिससे मीठा खाने की craving घटती है। गुड़मार आंतों में शुगर के अवशोषण को धीमा करती है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता।


सेवन का सही तरीका

यह जड़ी-बूटी बीटा सेल्स को सक्रिय करती है, जो इंसुलिन बनाने में मदद करती हैं — इससे शुगर लेवल स्वाभाविक रूप से संतुलित रहता है। सुबह खाली पेट या रात के खाने के बाद ½ चम्मच गुड़मार पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें या फिर गुड़मार की चाय (2-3 पत्ते पानी में उबालकर) दिन में एक बार पिएं। अगर आप पहले से डायबिटीज़ की दवाएं ले रहे हैं, तो गुड़मार लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन न करें।


गुड़मार खाने के और भी हैं फायदे 

इसमें मौजूद ऐंटिऑक्सिडेंट्स लिवर को डिटॉक्स करते हैं और किडनी को सुरक्षित रखते हैं। गुड़मारमीठा खाने की इच्छा कम करती है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है। इसके सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे सर्दी-जुकाम, थकान, संक्रमण जैसी दिक्कतें दूर रहती हैं। यह शरीर से खराब फैट (LDL) को घटाकर हार्ट को हेल्दी रखती है।
 


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vasudha

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