क्या आप भी पित्त की पथरी से परेशान हैं? जानें इसके खतरनाक संकेत और बचने के उपाय

punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 11:49 AM (IST)

नारी डेस्क: पित्त की पथरी (Gallstones) एक आम समस्या है, जो शरीर के विभिन्न अंगों में बन सकती है, और समय के साथ गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यह खासतौर पर पित्ताशय (गॉलब्लैडर) में बनती है और आमतौर पर पित्त में मौजूद तत्वों के जमा होने से बनती है। पित्त की पथरी का आकार रेत के दाने जितना छोटा हो सकता है या फिर गेंद जितना बड़ा भी हो सकता है। कुछ लोगों में एक पित्त की पथरी बनती है, जबकि दूसरों में कई पथरी एक साथ बन सकती हैं। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समझना और समय रहते उपचार करना महत्वपूर्ण है।

पित्त की थैली में पथरी के शुरुआती संकेत

दाहिने हिस्से में दर्द

पित्त की पथरी होने पर पेट के दाहिने हिस्से में हल्का से लेकर तेज दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द खाने के बाद बढ़ सकता है और कभी-कभी यह दर्द पीठ और कंधे तक फैल सकता है।

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भारीपन और अपच

पित्त की पथरी पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकती है, जिससे खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है, क्योंकि यह पित्त की पथरी की संभावना को बढ़ाता है।

मतली और उल्टी

पित्त की पथरी के कारण पित्त का निर्माण ठीक से नहीं हो पाता, जिससे पेट में सूजन और पित्त के प्रवाह में समस्या उत्पन्न होती है। इस वजह से तला-भुना या मसालेदार खाना खाने के बाद अक्सर मतली और उल्टी हो सकती है।

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पेट में सूजन और गड़बड़ी

पित्त की पथरी की वजह से पेट में हल्की या गंभीर सूजन हो सकती है। इसके साथ गैस, भारीपन और पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज और पेट दर्द भी हो सकती हैं। कई बार यह लक्षण खाना न पचने पर भी होते हैं।

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पेशाब के रंग में बदलाव

गालब्लैडर की पथरी के कारण पेशाब का रंग पीला हो सकता है, और कभी-कभी खून भी आ सकता है। इसके अलावा, बार-बार पेशाब आना भी पित्त की पथरी के गंभीर लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा, पित्त की पथरी के कारण थकान, कमजोरी, पीठ और पेट के साइड्स में दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

कब जाएं डॉक्टर के पास?

अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पित्त की पथरी का सही समय पर इलाज करने से इसकी जटिलताओं से बचा जा सकता है। इसके अलावा, अगर आपको पीलिया जैसी समस्या हो तो पित्त की पथरी की जांच करवाना जरूरी है।

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पित्त की पथरी से बचाव के उपाय

भरपूर पानी पिएं 

पानी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, और यह पित्त की पथरी के निर्माण को रोकने में भी मदद कर सकता है। पानी पत्तियों को पतला रखने में मदद करता है, जिससे पित्त की गाढ़ी बनावट नहीं होती। अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो पित्त में मौजूद घटक एकजुट होकर पथरी का रूप ले सकते हैं। 

सामान्यत: एक दिन में 8-10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है, जिससे शरीर में सही हाइड्रेशन बनी रहे और पित्ताशय की समस्याओं से बचा जा सके।

तला-भुना और मसालेदार भोजन से बचें 

तला-भुना और मसालेदार भोजन पाचन क्रिया को धीमा कर देता है और शरीर के भीतर अशुद्धि को बढ़ाता है। जब आप इन प्रकार के भोजन का अत्यधिक सेवन करते हैं, तो पित्ताशय में अतिरिक्त पित्त जमा होने लगता है, जिससे पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह आपके जिगर और आंतों पर दबाव डालकर पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए तला-भुना और अत्यधिक मसालेदार भोजन से बचना महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर का पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता रहे।

खाना स्किप न करें 

अगर आप नियमित रूप से भोजन नहीं करते हैं या खाना स्किप करते हैं, तो इसका सीधा असर पित्ताशय पर पड़ता है। खाना छोड़ने से पित्त का निर्माण अधिक होता है, जो बाद में पथरी में बदल सकता है। इससे पाचन प्रक्रिया असंतुलित हो जाती है और पेट में भारीपन, गैस, या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, दिन में तीन मुख्य भोजन और दो स्नैक्स का सेवन करना चाहिए, ताकि पाचन तंत्र सही ढंग से काम करता रहे और पित्त की पथरी से बचाव हो सके।

वजन नियंत्रित रखें 

अधिक वजन होना पित्त की पथरी बनने का एक बड़ा कारण हो सकता है। जब शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होती है, तो यह पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे पित्त की पथरी का निर्माण हो सकता है। वजन बढ़ने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है, जो पित्त की पथरी के निर्माण को बढ़ावा देता है। इसलिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है, और इसके लिए नियमित व्यायाम और संतुलित आहार आवश्यक है।

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फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं 

फाइबर युक्त भोजन पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और पित्त की पथरी के निर्माण को रोक सकता है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और बीजों में उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पित्त के प्रवाह को नियमित रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। फाइबर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और पाचन को सही बनाए रखने के लिए जरूरी है। इसलिए, अपनी डाइट में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

इन उपायों का पालन करके आप पित्त की पथरी से बच सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बनाए रख सकते हैं।

 

 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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