‘वो दिन दूर नहीं जब बच्चे पैदा होते ही कैंसर और अस्थमा के मरीज होंगे’ - एक्सपर्ट्स की चौंकाने वाली चेतावनी
punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 02:18 PM (IST)
नारी डेस्क: दिल्ली-एनसीआर की हवा अब इतनी ज़हरीली हो चुकी है कि डॉक्टरों ने इसे “स्वास्थ्य आपातकाल” करार दिया है। हर ओर धुंध की मोटी परत छाई हुई है, जिसमें मौजूद सूक्ष्म कण (PM 2.5 और PM 10) धीरे-धीरे हमारे फेफड़ों, दिल और दिमाग तक पहुंच रहे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले समय में बच्चे पैदा होते ही कैंसर, अस्थमा और दिल की बीमारियों से जूझेंगे।
दिल्ली की हवा ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंची
शुक्रवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 727 तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है। CPCB (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) के अनुसार, दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में हवा की क्वालिटी “सीवियर” कैटेगरी में है। इसका मतलब है कि अब प्रदूषण सिर्फ एक मौसमी परेशानी नहीं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है।
बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्रदूषित हवा का असर सबसे पहले कमज़ोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों पर पड़ता है जैसे बच्चे और बुजुर्ग। इनमें खांसी, सांस फूलना, आंखों में जलन, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। अगर लंबे समय तक ऐसी हवा में रहा जाए, तो फेफड़ों की क्षमता घट जाती है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
दिल पर कैसे असर डालता है पॉल्यूशन
प्रदूषण केवल नई ब्लॉकेज नहीं बनाता, बल्कि पुरानी ब्लॉकेज को भी तोड़ देता है। जब जहरीले कण (pollutants) खून में घुल जाते हैं, तो वे नसों में जमा फैट को तोड़ देते हैं। यह टूटा हुआ फैट ब्लड क्लॉट में बदल जाता है जो अगर दिल तक पहुंच जाए, तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है। शोध बताते हैं कि प्रदूषित इलाकों में रहने वाले लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा 25% से 40% तक अधिक होता है।
हर साल 70 लाख मौतें सिर्फ पॉल्यूशन से
द लैंसेट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर साल लगभग 70 लाख लोग सिर्फ गंदी हवा की वजह से मरते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें दिल के मरीजों की होती हैं। भारत इस लिस्ट में सबसे आगे है — यानी यहां का प्रदूषण स्तर दुनिया में सबसे खतरनाक माना जा रहा है।
एक्सपर्ट्स की सलाह — पॉल्यूशन से बचने के उपाय
हमेशा N95 मास्क पहनें जब भी घर से बाहर निकलें। यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों को अंदर जाने से रोकता है। सुबह-सुबह एक्सरसाइज से बचें, क्योंकि उस समय हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे ज़्यादा होता है।
घर में हवा साफ करने वाले पौधे लगाएं, जैसे
तुलसी (Tulsi): यह कार्बन डाइऑक्साइड और बैक्टीरिया को कम करती है।
मनी प्लांट (Money Plant): यह टॉक्सिक गैसों को सोखकर हवा को शुद्ध करता है।
एलोवेरा (Aloe Vera): यह नाइट्रोजन ऑक्साइड और फॉर्मलडिहाइड जैसे प्रदूषकों को कम करता है।
एक्सपर्ट्स कहते हैं — “साफ हवा का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन हम अपने शरीर को मजबूत बनाकर इस खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।”
डिस्क्लेमर :यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसका मकसद किसी दवा या इलाज का विकल्प देना नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

