गांधी जी के दिखाए इन रास्तों पर चलकर जिंदगी में कभी नहीं होंगे असफल

punjabkesari.in Friday, Oct 01, 2021 - 05:07 PM (IST)

कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते। क्षमा वीरो का आभूषण है... देश की आजादी के प्रमुख योद्धा महात्‍मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत की आज भी दुनियाभर में मिसाल दी जाती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे। उन्होंने  ना केवल ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की। गांधी जी सत्य के सहारे न्याय की लड़ाई के लिए हमेशा तैयार रहते थे। आज उनकी जयंती के मौके पर हम उनसे जुडी कुछ बातें साझा करने जा रहे हैं, जिसके सहारे आप सफलता की तरफ बढ सकते  हैं। 


धर्म का सम्मान


गांधी जी ने ‘भगवान’ को ‘सत्य’ के रूप में उल्लेखित किया था। उनका कहना था कि “मैं लकीर का फकीर नहीं हूँ।” वे संसार के सभी धर्मों को सत्य और अहिंसा की कसौटी पर कसकर देखते थे, जो भी उसमें खरा नहीं उतरता वे उसे अस्वीकार कर देते और जो उसमें खरा उतरता वे उसे स्वीकार कर लेते थे। वे चाहते थे कि सभी धर्म के लोग अपने धर्म के साथ-साथ दूसरे धर्म के ग्रंथों और उनके अनुयायियों का भी आदर करें 

सादा भाेजन 


गांधीजी शुद्ध और सात्विक भोजन को ही बेहतर मानते थे। वे शाकाहारी थे और खुद खाना बनाने में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि जो  जितना सादा भोजन करेगा उतना ही तन और मन से स्वस्थ रहेंगे।


स्वास्थ्य ही असली संपत्ति

बापू  का कहना था कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी। व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है। वह जो सोचता है, वह बन जाता है।  उनका मानना था कि ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है। यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।

 

भविष्य की ना करें चिंता

गांधीजी इस बात पर अकसर जोर देते थे कि वर्तमान में जीना सीखना चाहिए और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। उनका मानना था कि यदि हम बहुत ज्यादा भविष्य के बारे में सोचते हैं तो हम अभी जो कुछ है, उसे खराब कर लेंगे। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।


साफ-सफाई

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ-सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है। इसलिए उन्होंने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा दी थी और देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। बापू कहते थे कि रसोईघर और टॉयलेट इतने साफ होने चाहिए कि वहां एक मक्खी भी न बैठ सके। वे खुद भी घर-बाहर की साफ-सफाई किया करते।

खुद पर विश्वास


खुद पर विश्वास करें और इससे आप विश्व को हिला सकते हैं। महात्मा गांधी का  मानना था कि देश को आजाद कराने की उन पर एक बड़ी जिम्मेदारी है और उन्होंने इसे अपने विश्वास के दम पर पूरा किया। खुद में विश्वास के कारण ही करोड़ों भारतीयों ने उन पर विश्वास किया।


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vasudha

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