10 दिन पहले सगाई, शादी के सपने अधूरे रह गए, कौन थे जामनगर क्रैश में शहीद होने वाले सिद्धार्थ यादव
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 11:47 AM (IST)

नारी डेस्क: गुजरात के जामनगर वायुसेना स्टेशन के पास बुधवार रात भारतीय वायुसेना का एक जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। वह नाइट मिशन पर थे और विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण उनकी जान चली गई। 10 दिन पहले ही सिद्धार्थ ने दिल्ली की एक लड़की से सगाई की थी और उनकी शादी की तैयारियां चल रही थीं। यह हादसा उनके परिवार और मंगेतर के लिए गहरा सदमा है।
नाइट मिशन पर थे सिद्धार्थ यादव
फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव नाइट ट्रेनिंग मिशन पर थे, जब बुधवार रात जामनगर एयरफील्ड से उड़ान भरने के कुछ समय बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा रात करीब 9:30 बजे हुआ, जब विमान जामनगर से लगभग 12 किलोमीटर दूर सुवरदा गांव के पास एक खुले मैदान में गिरा और उसमें आग लग गई। हादसे में उनके को-पायलट को बचा लिया गया और वह अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं, जबकि सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए।
सिद्धार्थ यादव का परिवार और सैन्य परंपरा
सिद्धार्थ यादव का पैतृक घर हरियाणा के रेवाड़ी जिले के माजरा भालखी गांव में था। वह एक समृद्ध सैन्य परंपरा वाले परिवार से थे। उनके पिता सुशील कुमार भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं, और उनके दादा और परदादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके थे। सिद्धार्थ का नाम उनके परिवार के लिए गर्व का कारण बना था, लेकिन अब उनके बलिदान के कारण यह परिवार शोक में डूबा हुआ है।
दुर्घटना से पहले तकनीकी खराबी आई थी
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक, सिद्धार्थ और उनके को-पायलट को विमान में दुर्घटना से पहले एक तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा था। हादसे के बाद, सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव को कमांडिंग एयर ऑफिसर से करीब रात 11 बजे यह दुखद खबर मिली। उन्होंने बताया कि एक पायलट को बचा लिया गया है, लेकिन दूसरे पायलट, सिद्धार्थ यादव की दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
सिद्धार्थ यादव की शिक्षा और सेना में योगदान
सिद्धार्थ यादव को उनके पिता मेधावी छात्र के रूप में याद करते हैं। उन्होंने जनवरी 2016 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) कोर्स 135 में ज्वाइन किया था। 23 मार्च को उनकी सगाई हुई थी और कुछ ही महीनों में उनकी शादी होने वाली थी। उनके परिवार की सैन्य सेवा की लंबी परंपरा के बावजूद, यह दुखद समय है क्योंकि वह उनका इकलौता बेटा था। सिद्धार्थ के बलिदान ने उनके परिवार को गर्व से भर दिया है, लेकिन साथ ही गहरे शोक में भी डुबो दिया है।
सिद्धार्थ यादव के बलिदान की याद
सिद्धार्थ का बलिदान उनके परिवार के लिए एक गर्व का क्षण है, लेकिन यह उनके माता-पिता के लिए बहुत बड़ा शोक भी है। उनके पिता सुशील यादव ने कहा, "मुझे उस पर गर्व है। उसने एक जीवन बचाते हुए अपनी जान गंवा दी, लेकिन यह दुख की बात भी है क्योंकि वह मेरा इकलौता बेटा था।" सिद्धार्थ यादव ने देश की सेवा करते हुए अपनी जान दी, और उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
को-पायलट की हालत
गुरु गोविंद सिंह सरकारी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. दीपक तिवारी ने बताया कि को-पायलट के पैर में फ्रैक्चर हो गया था और उनका इलाज चल रहा है।
यह हादसा सिद्धार्थ यादव के परिवार और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, और उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।