First Pregnancy के पहले 7 दिन कैसे लक्षण दिखते हैं, नई मां को क्या करना-क्या नहीं
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2024 - 05:51 PM (IST)
नारी डेस्कः बहुत सी महिलाएं जो पहली बार मां बनती है तो उन्हें उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पहली बार मां बनने से जुड़े बहुत से अलग अनुभव होते है और बहुत सी बातों का ख्याल रखने की भी जरुरत रहती है। चलिए आज की इस आर्टिकल में आपको फर्स्ट प्रेगनेंसी में किन बातों का ख़याल रखना ज़रूरी है लेकिन कई बार महिला जब पहली बार कंसीव करती है तो उसे देरी से पता चलता है लेकिन शरीर में कुछ बदलाव आने शुरू हो जाते हैं जिसे कभी बार वह समझ ही नहीं पाती।
गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण | First Pregnancy Symptoms | First Pregnancy Mein Kya Hota hai
प्रेगनेंसी कंसीव करने के पहले हफ्ते में शरीर में (First Pregnancy Ke Lakshan) कुछ बदलाव नजर आने लगते हैं हालांकि यह संकेत हर महिला में अलग अलग हो सकते हैं जैसेः
स्तनों के आस-पास सूजन, दर्द या स्तनों का सेंसटिव होना।
शरीर में हल्की ऐंठन आना।
सूंघने की क्षमता बढ़ना, रुचि में बदलाव, मूड स्विंग।
सुस्ती-थकान और कमजोरी महसूस होना।
भूख ना लगना या ज्यादा लगना।
स्पॉटिंग या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग।
सुबह उठते ही जी घबराना या मतली आना।
पेट में गैस बनना या पेट दर्द होना।
मासिक धर्म ना होना।
जल्दी-जल्दी यूरिन आना या यूरिन कंट्रोल ना करना। ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे गुर्दों में अतिरिक्त तरल पदार्थ बनता है और बार बार यूरिन आता है।
हालांकि, इनमें से कई लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते हैं इसलिए, स्थिति की पुष्टि करने के लिए, प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए। अगर आपका पीरियड साइकिल नियमित है, तो पीरियड मिस होने के पहले दिन भी प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है लेकिन अगर आपका पीरियड साइकिल अनियमित रहता है तो 7-10 दिनों तक इंतज़ार किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी कंफर्म कैसे करें? How To Confirm Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी को कंफर्म करने के लिए कई तरीके होते हैं लेकिन सटीकता से पुष्टि करने के लिए आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। कुछ तरीके जो प्रेग्नेंसी के बारे में पता लगाते हैं।
होम प्रेग्नेंसी टेस्ट (Home Pregnancy Test): यह सबसे सामान्य तरीका है जिससे आप घर पर ही प्रेग्नेंसी चैक कर सकते हैं। घर पर प्रेगनेंसी किट लाए और यूरिन के माध्यम से प्रेगनेंसी का पता लगाए।
स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह (Gynecologist's Advice) : यदि होम प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव होता है और आपको फिर भी प्रेग्नेंसी का संकेत है तो आप डाक्टरी सलाह लें। डॉक्टर एक स्वास्थ्य जांच कर प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड (UltraSound): स्त्री रोग विशेषज्ञ अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी के जरिए भी आपको पुष्टि करते हैं। यह तकनीक गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में बच्चे के लिए छवियों को बनाती है।
ब्लड टेस्टः डॉक्टर आपके ब्लड टेस्ट में hCG हार्मोन के स्तर की जांच कर सकते हैं। इस तरह का टेस्ट प्रेग्नेंसी की पुष्टि करने में बहुत ही सटीक होता है।
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पहली प्रेगनेंसी में किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी? first pregnancy mein kya karna Jaruri
पहली प्रैग्नेंसी में महिलाएं ज्यादा परेशानी अनुभव करती हैं क्योंकि यह अनुभव उनके लिए अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देता है। इस दौरान शरीर में होने वाले बदलाव भी अलग-अलग हो सकते हैं। पहली प्रेग्नेंसी में औरत को थकान कमजोरी, जी मचलाना जैसी दिक्कतें हो सकती है। इस दौरान खान-पान सही रखने की बहुत जरूरी है।
खान-पान सबसे ज़रूरी
प्रेगनेंसी में सही डाइट का अहम रोल है। पहले तीन महीने महिला को थकान-कमजोरी महसूस हो सकती है। इस दौरान फल-सब्ज़ियां, आयरन से भरपूर भोजन और डेयरी प्रोडक्ट्स खाएं लेकिन अधपके मांस, पोल्ट्री, स्वोर्डफ़िश, शार्क, सुशी जैसी चीजें खाने से बचें। प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने पपीता भी ना खाने की सलाह दी जाती है और कई बार डॉक्टर ज़्यादा गर्म तासीर के आहार खाने से भी मना कर देते हैं।
भरपूर पानी पीएं
हाइड्रेटेड रहने के लिए, दिन भर में बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं। यह सिर्फ़ आपके लिए ही नही बाकी होने वाले बच्चे के लिए भी अच्छा है। पानी के साथ जूस, नारियल पानी भी पिटे रहें।
बिना सलाह के दवाई ना खाएं
डॉक्टर आपको आयरन, फ़ॉलिक ऐसिड या कैल्शियम जैसी दवा खाने को दे सकते हैं लेकिन बिना सलाह के कोई दवा ना खाए अगर आप प्रेगनेंसी से पहले ही कोई दवाई खा रहे हैं तो भी डॉक्टर से जरुर परामर्श करे।
सफ़र करने से परहेज
पहले तीन महीनों में शहर से बाहर जाने और दुपहिया वाहनों से बचने की सलाह दी जाती है अगर बावजूद इसके आपको किसी कारणवश कही जाना पड़ रहा है तो डॉक्टर से सलाह मशवरा जरुर कर लें।
तनाव ना लें और सही तरीके से सोएं
बहुत सी महिलायें इस दौरान स्ट्रेस में आ जाती हैं ख़ासकर कामकाजी महिला लेकिन ज़्यादा तनाव लेने से बचें। स्ट्रेस का असर आपके शिशु पर होगा। पेट के बल या सीधे होकर ना सोए हमेशा करवट लेकर ही सोए और उठें और ज्यादा देर तक स्क्रीन पर न देखें। पूरा आराम करें ये, मां और शिशु के लिए आवश्यक है।
गर्भावस्था में क्या काम करना चाहिए और क्या नहीं? | first pregnancy kya Kare Kya Nahi
अगर आपको प्रेगनेंसी में किसी तरह की कॉम्प्लिकेशन है तो आपकी डॉक्टर आपको रेस्ट की सलाह दे सकते हैं वही कुछ को बेड रेस्ट करने की सलाह भी दी जाती है लेकिन अगर आपकी प्रेगनेंसी हैल्दी है तो आप रोज मरा के काम भी कर सकते हैं और वर्किंग वुमेन अपनी जॉब पर जा सकती है लेकिन लगातार एक पॉजिशन में बैठे रहने से बचें, बीच-बीच में उठकर सैर कर लें। इसी के साथ पहले तीन महीने हैवी सामान उठाने और एक्सरसाइज करने से बचें। पेट के बल ना सोएं।
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पहली प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए? | first pregnancy mein kya-kya khana chahiye
ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करें और जूस पीएं। ताजे फलों का सलाद बनाकर खाएं।
साबुत अनाज को अपने डाइट में शामिल करें।
दालें और बीन्स जरूर खाएं ये प्रोटीन और आयरन का मुख्य स्त्रोत होती हैं।
फाइबर वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करें।
डेयरी उत्पाद का सेवन करें। दूध, दही, और पनीर में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी का अच्छा स्रोत होते हैं जो शिशु की हड्डियों के विकास में मदद करते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियों का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
अपने डाइट में सूखे मेवे को शामिल करें लेकिन प्रेगनेंसी के सही समय पर। बादाम, अखरोट, और फ्लैक्स सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, और फाइबर होते हैं।
फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, ब्रोकली, और चुकंदर खाएं।
अंडे में प्रोटीन, विटामिन डी, और कोलीन होते हैं जो शिशु के मस्तिष्क के विकास में मदद करते हैं।
चिकन और मछली जैसे खाद्य पदार्थों में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं लेकिन मछली का सेवन करने से पहले मर्करी की मात्रा का ध्यान रखें।
गर्भावस्था में किन चीजों का परहेज करें | Pregnancy Mein Kya Na Kare
एक दिन में एक या दो कप से अधिक चाय या कॉफी न पिएं। अगर एसिड की दिक्कत रहती है तो इससे भी परहेज करें।
अल्कोहल और धूम्रपान आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
कच्चे या अधपके मांस के सेवन से बचे, इससे फूड पॉइज़निंग का खतरा हो सकता है।
प्रोसेस्ड और जंक फूड ना खाएं, इसमें नमक, चीनी और अनावश्यक कैलोरी होती हैं।
नोटः शरीर बेहतर तरीके से काम करे, इसके लिए न्यूट्रिशनल तत्वों की कमी को दूर करना जरूरी होता है. अगर आप खाने पीने में लापरवाही करते हैं या हर तरह का फूड अपनी डेली डाइट में नहीं शामिल कर पाते हैं तो इससे बॉडी में कई विटामिन और मिनरल्स की कमी होने लगती है। अगर ऐसा प्रेगनेंसी में कर रहे हैं तो नवजात शिशु के विकास पर इसका असर पड़ेगा। अपनी ग