मजबूरी पूछना कभी मां से :  इस तस्वीर के पीछे छिपे Working Mothers के दर्द को करें महसूस

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 03:18 PM (IST)

नारी डेस्क: कहते हैं कि एक बच्चे के जन्म के साथ मां का भी नहीं जन्म होता है, क्योंकि उसकी जिंदगी में अचानक से सब कुछ बदल जाता है। सिर्फ शरीर ही नहीं एक मां के मन को भी कई तकलीफों से गुजरना पडता है। अगर वह मां वर्किंग है तो रास्ता और मुश्किल हो जाता है। हमारे देश में आज भी कुछ महिलाओं के पास बच्चे के जन्म के बाद दो ही विकल्प बचते हैं या तो वह अपने करियर को छोड़कर सिर्फ बच्चे पर ध्यान दे, या फिर घर और बाहर की जिम्मेदारियों में पीसे।

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हम यह नहीं कहते कि हर महिला के साथ ऐसा होता है लेकिन लगभग हर महिला को बच्चे के बाद कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है। इसका ताजा उदाहरण है आरपीएसएफ कांस्टेबल रीना जिनकी वायरल तस्वीर ने मन में कई सवाल खड़े कर दिए। हालांकि लोगों ने इस मां के जज्बे और हिम्मत को खूब सराहा लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि इस महिला के लिए बच्चे को इस तरह अपने साथ रखना कितना मुश्किल भरा रहा होगा।

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कोई मां नहीं चाहती कि उसका बच्चा किसी तकलीफ से गुजरे। अगर एक दूसरे पहलू से सोचें कांस्टेबल रीना के साथ - साथ उनका बच्चा भी तारीफ के काबिल है। क्योंकि छोटे बच्चे खुलापन चाहते हैं,  खुलकर हाथ-पैर चलाना चाहते हैं पर मां की छाती से लिपटा यह मासूम हालातों से समझौता कर रहा है ताकि उसकी मां अपनी फर्ज निभा सके। इस मां और बच्चे की कहानी का जश्न मनाने की बजाय हमें बदलाव की मांग करनी चाहिए।

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आरपीएसएफ कांस्टेबल की इस वायरल तस्वीर पर कमेंट करने वाले कुछ लोगों ने सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि अगर इस बच्चे को साथ लाना मां को मजबूरी है तो उसकी डयूटी यहां क्यों लगाई गई? इस तरह के सवाल उठ रहे है कि वर्किंग माओं के लिए बेहतर सिस्टम क्यों नही है? ऐसे में आप क्या सोचते हैं - क्या हमें इसका जश्न मनाना चाहिए या बेहतर नीतियों की मांग करनी चाहिए?
 


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Content Writer

vasudha

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