मिर्गी का दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करें? ये 3 Myths ले सकते हैं मरीज की जान

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 08:11 PM (IST)

नारी डेस्कः बॉलीवुड एक्ट्रेस फातिमा सना शेख (Fatima sana Shaikh) इस समय काफी लाइमलाइट में हैं लेकिन किसी इवेंट या अपनी फिल्म के लिए नहीं बल्कि बीमारी के लिए। फातिमा ने मीडिया को बताया कि उन्हें एपिलेप्सी (Epilepsy) यानी मिर्गी की दिक्कत (Mirgi Ka Dora) है। पहले तो उन्होंने इस बीमारी को सबसे छिपाया था लेकिन अब उन्होंने खुलकर इस पर बात की कि वह मिर्गी की समस्या से पीड़ित हैं और एक बार तो उन्हें फ्लाइट में ही मिर्गी का दौरा आ गया था। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फातिमा ने बताया कि शुरु से उसने अपनी मिर्गी की समस्या (Mirgi Ka Ilaz) के बारे में फिल्म मेकर्स को नहीं बताया था ताकि उनके करियर पर इसका असर ना पड़े और उन्हें एक बार उन्हें फ्लाइट में ही एपिलेप्सी के कई दौरे पड़े। वह काफी ज्यादा डर गई थी लेकिन वह अपने आप को भाग्यशाली समझती हैं कि वे बच गई। हालांकि, फ्लाइट में मौजूद मेडिकल टीम ने उन्हें हेल्थ सर्विस दी हालांकि अब वह फ्लाइट में अकेले ट्रैवल नहीं करती हैं।
PunjabKesari

फातिमा ने यह भी शेयर किया कि उन्हें अपनी इस हेल्थ कंडीशन को स्वीकार करने में ही काफी समय लग गया और इस बीमारी के चलते वह मानसिक रूप से काफी प्रभावित हुई थी और उन्हें लगता था कि इस बीमारी के चलते उन्हें फिल्मों में काम मिलना बंद हो जाएगा। मिर्गी के कारण उनका आत्म-सम्मान कम हो गया था और वह खुद को लाचार महसूस करने लगी थीं हालांकि दोस्तों व अपने लोगों की सपोर्ट से उनमें हिम्मत आई और उन्होंने खुलकर इस पर बात की। 

यह भी पढ़ेंः छाती के Infection में ना बरतें लापरवाही, पढ़िए कब डॉक्टरी चेकअप और देसी नुस्खों की जरूरत

मिर्गी के लक्षणों की पहचान करना जरूरी | Mirgi ke lakshan kya hai 

मिर्गी के दौरे से बचाव का सबसे पहला स्टेप इसके लक्षणों की पहचान करना है। ज्यादातर यह समस्या बच्चों को या 60 साल की उम्र के बाद के लोगों में देखी जाती है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती हैं। शुरुआती लक्षण कुछ तरह के हो सकते हैं। 
हर समय उलझन महसूस होना
मांसपेशियों में अकड़न
बार-बार बेहोश होना
मानसिक रोग होना

मिर्गी क्या है? | Mirga ka Dora Kyu Padta hai

ट्यूबरस स्क्लेरोसिस कॉम्प्लेक्स (TSC) एक वंशानुगत विकार है जो मस्तिष्क में जड़ के आकार (ट्यूबरस) वाले ट्यूमर का कारण बनता है। TSC से पीड़ित लोगों में मिर्गी होना आम बात है। जब किसी व्यक्ति को दो या उससे ज़्यादा बार बिना किसी कारण के दौरे पड़ते हैं तो उसे मिर्गी होने का अनुमान लगाया जाता है. मिर्गी के दौरे पड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
मस्तिष्क में ट्यूमर होना
मस्तिष्क में स्ट्रोक या चोट लगना
न्यूरोट्रांसमीटर नामक तंत्रिका-संकेत रसायनों का असंतुलन
आनुवांशिक कारण
शराब, अवैध नशीली दवाओं का सेवन
दौरे की दवाई ना खाना या ज्यादा खा लेना।
नींद ना आना या तनाव होना।
निर्जलीकरण या भूख ना लगना।
मिर्गी से पीड़ित लोगों में नींद संबंधी विकार आम हैं। नींद की कमी दौरे का एक शक्तिशाली ट्रिगर है। नींद की समस्याओं का इलाज करने से दौरे कम करने में मदद मिल सकती है।
PunjabKesari

यह भी पढ़ेंः सर्जरी से नहीं 'कुलथी की दाल' खाकर बाहर निकाले Kidney Stone, खाना कैसे यह भी पढ़िए

मिर्गी आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?

रोगी को सुरक्षित रखें और चोट से बचाएं। उनके सिर के नीचे कोई मुलायम चीज रखें और तंग कपड़ों को तुरंत ढीला कर दें। दौरा समाप्त होने के बाद करवट पलट दें। जब तक रोगी ठीक न हो जाए, उसे आश्वस्त करते रहें। उसके पास ही रहें। मिर्गी के इलाज की यह प्रक्रिया सही है। बेहोश रोगी को बायीं ओर लिटा दें और उसके मुंह या चेहरे पर कुछ भी न डालें और भीड़ न लगाएं। अगर सक्रिय रूप से ऐंठन हो तो उसे नीचे न रखें और चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करें।

मिर्गी से जुड़े मिथक | Mirgi Se Judhe Myths

बहुत से लोगों को लगता है कि यह समस्या, किसी बाबा या साधु का अभिशाप है या यह मिथक कि मिर्गी जादू टोना से ठीक हो जाएगा लेकिन यह गलत है। मिर्गी का दौरा पड़ना एक प्रकार की मानसिक समस्या के रूप में देखा जा सकता है जिसका इलाज किसी ओझा व तांत्रिक से नहीं बल्कि मनो-चिकित्सकीय विधि द्वारा ही करना चाहिए। इसी के साथ बहुत से लोग मिर्गी का इलाज देसी नुस्खों से करते हैं यह भी रोगी के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। मिर्गी आने पर पानी के छींटे मारना, पानी/चीनी/एनर्जी ड्रिंक देना, प्याज-चप्पल या जुराब सूंघाना, किसी धातु की वस्तु को धकेलना, मुंह में उंगलियां डालना ही उसे ठीक करने की सबसे पहली प्राथमिकता है जबकि ऐसा करना गलत है। रोगी को उचित उपचार ना मिलने पर स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है। ऐसी स्थिति में मिर्गी से पीड़ित बच्चे को किसी नजदीकी डॉक्टर या फिर बाल रोग विशेषज्ञ से तुरंत दिखाना चाहिए। डॉक्टर आगे बच्चे को किसी बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजिस्ट से मिलाने के लिए परामर्श दे सकते हैं और इस दौरान बच्चों के कुछ परीक्षण जैसेः 1-ब्लड टेस्ट, 2- ईईजी, 3-एमआरई स्कैन।

PunjabKesari

मिर्गी अचानक क्यों शुरू हो जाती है? 

हालांकि, जब किसी व्यक्ति को दो या अधिक बार बिना किसी कारण के दौरे पड़ते हैं, तो उसे मिर्गी होने का अनुमान लगाया जाता है। मिर्गी के कई संभावित कारण हैं, जिनमें न्यूरोट्रांसमीटर नामक तंत्रिका-संकेत रसायनों का असंतुलन, ट्यूमर, स्ट्रोक और बीमारी या चोट से मस्तिष्क क्षति, या इनमें से ही कुछ संयोजन शामिल हैं।
PunjabKesari

क्या मिर्गी का इलाज संभव है? | Mirgi ka Ilaj

मिर्गी को जड़ से खत्म करने का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, दवाओं की माध्यम से इसके लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। जबकि ऐसे मामले भी देखे गए हैं, कि जिन बच्चों को बचपन में मिर्गी की समस्या थी बाद में उनकी यह समस्या अपने आप खत्म हो गई। वहीं कुछ लोगों बचपन में यह बीमारी न होकर बाद में भी हो जाती है, जिसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static