Fact check: क्या एस्पिरिन से संभव है कोरोना वायरस का इलाज? जानिए इस वायरल मैसेज का सच

punjabkesari.in Thursday, Jan 27, 2022 - 04:31 PM (IST)

कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों व्हाट्सएप पर कई मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक मैसेज में दावा कि कोविड-19 वायरस नहीं बल्कि एक तरह का बैक्टीरिया है। यही नहीं, ऐसा दावा किया जा रहा है कि इसका इलाज एस्पिरिन से किया जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि इस वायरस खबर का सच क्या है।

क्या सचमुच एस्पिरिन से ठीक हो जाता है मरीज?

हालांकि, सरकारी फैक्ट चैक एजेंसी PIB Fact Check ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। ट्वीट करते हुए बताया गया है कि व्हाट्सएप पर एक नकली पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें सिंगापुर ने एक व्यक्ति का शव परीक्षण किया, जिसकी मृत्यु कोविड-19 की वजह से हुई थी। इसका निष्कर्ष यह निकला कि कोरोना एक बैक्टीरिया था, जो एस्पिरिन ड्रग से ठीक हो सकता है।

PIB फैक्‍ट चेक टीम का पोस्‍ट

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट से सरकार द्वारा लोगों को होशियार रहने के लिए कहा है। PIB ने साफ कर दिया कि कोविड-19 के इलाज में एस्पिरिपन जैसी कोई दवा कारगार नहीं है क्योंकि एंटीकोगुलेंट (Anticoagulant) के साथ वायरस का इलाज संभव नहीं।

​झूठी है एस्पिरिन से कोरोनावायरस के इलाज की खबर

संदेश में लिखा है, "कोविड एक जीवाणु है, जो रेडिएशन के संपर्क में आया है और ब्लड क्लॉटिंग से मनुष्य की मौत का कारण बन रहा है। मगर पीआईबी के अनुसार, PIB की Fact Check टीम ने KOO हैंडल पर पुष्टि करते हुए बताया कि एस्पिरिन के कोरोनावायरस इलाज का वायरल पोस्ट बेबुनियाद और गलत है, जिसका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही लोगों से इस पोस्ट पर भरोसा ना करने की अपील की है।

एक्सपर्ट की क्या है राय?

एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाट्सएप पर कोरोनावायरस से संबंधित खबर फैल रही है कि Sars-Cov-2 एक बैक्टीरिया है और इसका इलाज एस्पिरिन से किया जा सकता है। वायरल संदेश में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना वायरस बीमारी को ठीक करने में एस्पिरिन की भूमिका पर एक अध्ययन किया गया है। यह पूरी तरह से नकली है क्योंकि Sars-Cov-2 एक वायरल संक्रमण है और अभी तक ऐसा कोई औषधीय इलाज उपलब्ध नहीं है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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