मुंह के अंदर दिखते हैं डायबिटीज के शुरुआती लक्षण, समय पर पहचानकर करें इलाज

punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 10:34 AM (IST)

नारी डेस्क: डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से होती है। यह एक लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है, जो खराब खान-पान और अनियमित दिनचर्या के कारण होती है। मधुमेह के शुरुआती संकेत शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई देते हैं, जिनमें मुंह भी शामिल है। अगर समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या बड़ी और जटिल हो सकती है। आइए जानते हैं कि मुंह के अंदर डायबिटीज के कौन-कौन से संकेत दिखाई देते हैं और इसे रोकने के उपाय क्या हैं।

मुंह के अंदर डायबिटीज के संकेत: विस्तार से जानकारी

मसूड़ों में सूजन और खून आना

डायबिटीज के कारण शरीर में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन की समस्या बढ़ जाती है। यह सूजन मसूड़ों को सबसे पहले प्रभावित करती है। मसूड़ों में लालिमा, सूजन और दर्द महसूस होना इसके सामान्य लक्षण हैं। इसके साथ ही, मसूड़े कमजोर हो जाते हैं और ब्रश या हल्के से छूने पर खून आने लगता है। अगर इस समस्या को नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर मसूड़ों की बीमारियों जैसे पेरियोडॉन्टल डिजीज में बदल सकती है, जिससे दांतों को नुकसान हो सकता है।

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 मुंह में सूखापन

डायबिटीज के मरीजों में हाई ब्लड शुगर के कारण शरीर से ज्यादा पानी निकलने लगता है, जिससे शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। इसका असर मुंह पर साफ दिखाई देता है। मुंह में सूखापन या ड्राई माउथ महसूस होना डायबिटीज का सामान्य लेकिन शुरुआती लक्षण हो सकता है। ड्राई माउथ के कारण बोलने में कठिनाई, चबाने में दिक्कत और मुंह के अंदर जलन भी हो सकती है।

दांतों और मसूड़ों में संक्रमण

डायबिटीज के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में दांत और मसूड़े आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। मसूड़ों में पस बनना, दर्द, लालिमा और इन्फेक्शन तेजी से फैल सकता है। साथ ही, बैक्टीरिया और फंगस भी तेजी से पनपते हैं, जिससे कैविटी, गम डिजीज और अन्य दांतों की समस्याएं हो सकती हैं।

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सांसों की बदबू

डायबिटीज के मरीजों के मुंह से खट्टी या मीठी फलों जैसी गंध आना "डायबिटिक ब्रीथ" का संकेत हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है और शुगर को एनर्जी में बदलने के लिए फैट का उपयोग होने लगता है। इस प्रक्रिया में किटोन नामक रसायन का उत्पादन होता है, जिससे सांसों में अजीब सी दुर्गंध आने लगती है। यह लक्षण डायबिटिक केटोएसिडोसिस जैसी खतरनाक स्थिति का संकेत भी हो सकता है।

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मुंह के अंदर घाव

डायबिटीज के कारण शरीर की हीलिंग प्रोसेस यानी घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसका असर मुंह के अंदर भी देखा जा सकता है। मसूड़ों, जीभ या गालों के अंदर छोटे घाव या छाले हो सकते हैं, जो सामान्य से अधिक समय में ठीक होते हैं। बार-बार घाव होना और उनका लंबे समय तक ठीक न होना डायबिटीज का प्रमुख संकेत हो सकता है।

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मुंह की इन समस्याओं से बचने के लिए उपाय

सफाई का ध्यान रखें

मुंह की सफाई डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। रोजाना दो बार ब्रश करें, खासकर सुबह और रात को सोने से पहले। मसूड़ों और दांतों के बीच सफाई के लिए फ्लॉस का इस्तेमाल करें। माउथवॉश का उपयोग करें ताकि बैक्टीरिया पनपने न पाए। ब्रश करने के बाद जीभ की सफाई भी करें, क्योंकि जीभ पर जमे बैक्टीरिया से सांसों की बदबू हो सकती है। अपनी टूथब्रश को हर 3 महीने में बदलें और अच्छे ब्रशिंग तकनीक अपनाएं।

नियमित डेंटल चेकअप कराएं

डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से दांतों और मसूड़ों की जांच के लिए डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए। साल में कम से कम दो बार डेंटल चेकअप करवाएं। इससे दांतों और मसूड़ों में होने वाले शुरुआती संक्रमण या अन्य समस्याओं को समय रहते रोका जा सकता है। अगर मसूड़ों से खून आ रहा है, सूजन हो रही है या दर्द महसूस हो रहा है तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें। नियमित प्रोफेशनल क्लीनिंग से प्लाक और टैटार को हटाया जा सकता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें

डायबिटीज को नियंत्रित रखना न केवल शरीर बल्कि मुंह की सेहत के लिए भी जरूरी है। ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने के लिए संतुलित आहार लें जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ हों। जंक फूड, मिठाई और मीठे पेय पदार्थों से बचें। रोजाना कम से कम 30 मिनट के लिए व्यायाम करें, जैसे योग, वॉकिंग या साइक्लिंग। नियमित अंतराल पर ब्लड शुगर की जांच करें और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

पानी ज्यादा पिएं

पानी पीना शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ मुंह की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। हाई ब्लड शुगर के कारण शरीर से पानी ज्यादा निकलता है, जिससे मुंह सूखने लगता है। रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि शरीर की नमी बनी रहे। यह न केवल ड्राई माउथ से राहत देता है, बल्कि लार के उत्पादन को भी बढ़ाता है, जो बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। अगर साधारण पानी पर्याप्त न लगे तो हर्बल चाय या बिना शुगर वाले अन्य तरल पदार्थ भी ले सकते हैं।

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धूम्रपान और अल्कोहल से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन मुंह और मसूड़ों की समस्याओं को बढ़ा सकता है। धूम्रपान करने से मसूड़ों में सूजन, खून आना और दांतों का झड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यह ब्लड शुगर को भी बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज की समस्या और गंभीर हो सकती है। अल्कोहल से शरीर में डिहाइड्रेशन होता है, जिससे मुंह का सूखापन और ज्यादा बढ़ जाता है। इन आदतों को छोड़कर आप अपनी मुंह की सेहत और डायबिटीज दोनों को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।

डायबिटीज से बचाव के उपाय

1. स्वस्थ आहार अपनाएं: अपने आहार में फाइबर और प्रोटीन से भरपूर चीजों को शामिल करें। जंक फूड और ज्यादा मीठा खाने से बचें।

2. नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज से वजन और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

3. वजन नियंत्रित रखें: मोटापा डायबिटीज का बड़ा कारण है, इसलिए वजन संतुलित रखें।

4. धूम्रपान और अल्कोहल से बचें: इनसे डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

5. अच्छी नींद लें: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। खराब नींद डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती है।

इन सभी उपायों को अपनाकर आप न केवल मुंह की समस्याओं को दूर रख सकते हैं, बल्कि डायबिटीज के खतरे को भी कम कर सकते हैं। नियमित अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली से आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
 


 


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Content Editor

Priya Yadav

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