हमेशा के लिए 'बहरा' कर सकता है कान की खुजली मिटाने वाला ये देसी नुस्खा
punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 09:20 PM (IST)

नारी डेस्कः कान में खुजली होना एक आम ही बात है। अक्सर नहाते समय कान में पानी चले जाने, पपड़ी जमने या कोई इंफेक्शन के चलते कान में खुजली की समस्या हो जाती है। खुजली की समस्या शुरू तब होती है जब कान में नमी जमा होने लगती है। नहाते समय या फिर हर समय जुकाम रहने के कारण कान की अंदरूनी नसों में मॉइश्चर जमा रहता है। नमी के चलते कान में फंगस और बैक्टीरिया पनप जाते हैं जो तेज खुजली करते हैं।
कान में मैल नहीं मोम होती है
कान में पीले रंग का जो पदार्थ निकलता है हमे लगता है कि कान में मैल निकल रहा है जबकि वह मैल नहीं मोम होता है। वह मोम जो हमारे कानों का मैकेनिज़म अपनी सेफ्टी के लिए खुद ही तैयार करता है। अब सेफ्टी की बात आई है तो आपके दिमाग में यह सवाल भी आया होगा कि कान की सेफ्टी मोम से कैसे होगी। बता दें कि चींटी से लेकर मच्छर तक, कई तरह के छोटे-छोटे कीट-पतंगों को कान में जाकर अंदर घुसने से मोम ही बचाव करती है।
ये कीट कान मेंअगर घुस भी जाएं तो मोम में चिपककर मर जाएं और अंदर हमारे कान के पर्दे तक ना पहुंच पाए इसलिए कान में यह मोम तैयार होता है। जब यह मोम अधिक हो जाता है या काफी पुराना हो जाता है तब कान के मैनेनिज़म द्वारा खुद ही इस मोम को बाहर की तरफ धकेल दिया जाता है जिसे हम मैल समझते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर अपने अंदरुनी अंगों की सफाई खुद ही करता है।पुराने मोम में गंदगी, नमी, बैक्टीरिया पनपकर कान को नुकसान ना पहुंचा दें इसलिए प्राकृतिक रूप से शरीर, इस मोम को बाहर फेंकता है और नया मोम बनाता है।
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कान में खुजली करने वाले बैक्टीरिया से बचने का तरीका
कान की खुजली की समस्या है तो ईयर स्पैशलिस्ट को चेक करवा कर ही कान में कोई दवा डालें लेकिन इस बात का विशेष ध्यान भी रखें कि अगर आपको जुकाम है और उस दौरान आपको कान में खुजली की समस्या हो रही है तो कान में सरसों का तेल ना डालें क्योंकि जुकाम-नजले की स्थिति में कान में सरसों का तेल डालने से कान की सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है और कान के पर्दे को नुकसान भी हो सकता है इसलिए यह जरूरी है कि आपको डॉक्टर से ही परामर्श लेकर ही कोई भी घरेलू नुस्खा अपनाना चाहिए।
कान में सरसों का तेल डालने से होने वाले नुकसान
कान में सरसों का तेल डालने से कान में संक्रमण हो सकता है और सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है, इससे कान में संक्रमण हो सकता है और कान का पर्दा फट सकता है। कान में ऑटोमाइकोसिस की बीमारी हो सकती है। सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। कान में नमी बनी रहती है, जिससे गंदगी और मैल जम सकता है।
खुजली का इलाजः गर्म पेय पदार्थ का सेवन
कान में तेज खुजली हो रही है तो इस स्थिति में गर्म पेय पदार्थ जैसे हल्दी का दूध, हॉट कॉफी या ब्लैक टी जैसा कुछ ले सकते हैं जो तासीर में गर्म हो। इसे फूंक मारकर और घूंट-घूंट करके चाय की तरह पिएं। ऐसा करने से आपके कान की मसल्स की अंदर से सिकाई होगी और आपको तुरंत राहत मिलेगी लेकिन पहले ही हाई ब्लड प्रैशर की समस्या है तो हॉट कॉफी लेने से पहले सलाह ले लें।
कान में बहुत ज्यादा खुजली होने पर क्या करें?
कान में खुजली होने पर, गर्म सेंक लगाने से राहत मिल सकती है या फिर जैतून के तेल और कुछ बूंदें बेबी ऑयल डालने से भी खुजली से आराम मिल सकता है लेकिन अगर कान में खुजली की वजह एलर्जी है, तो डॉक्टर से सलाह लें क्योंकि कान के अंदर कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन इसकी वजह हो सकती है।
कान में खुजली से राहत पाने के लिए कुछ और उपाय
हल्के स्टेरॉयड ईयर ड्रॉप का इस्तेमाल करें: बिना किसी चोट या संक्रमण के अपने आप होने वाली खुजली का इलाज हल्के स्टेरॉयड ईयर ड्रॉप से किया जा सकता है लेकिन ये ईयर ड्रॉप डॉक्टरी सलाह से ही लें
ईयरफोन का इस्तेमाल कम करेंः ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल के चलते भी कान में खुजली की समस्या होती है। ईयरफोन का इस्तेमाल कम करें।
एलर्जी से बचें: कुछ एलर्जी के चलते भी आपके कानों में खुजली पैदा कर सकती हैं, इसलिए एलर्जी के कारण जानें और उपचार करें।
त्वचा को नमी दें: स्किन ड्राईनेस के चलते भी यह समस्या हो सकती है इसलिए दिन में दो बार मॉइस्चराइज़र लगाएं। नारियल, बादाम या जैतून के तेल से त्वचा की मालिश करें।
डिस्कलेमरः कान में कोई भी दवा डालने और घरेलू नुस्खे फॉलो करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। अगर कान में किसी तरह का संक्रमण है तो स्विमिंग गर्म सेंक का उपयोग करने से बचें। कान के मैल को साफ़ करने के लिए बॉबी पिन, उंगली, कपड़ा, या चाबी का इस्तेमाल करने से बचें।