ब्लैक फंगस को दावत दे सकती है ऐसी लापरवाही, भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां

punjabkesari.in Monday, May 17, 2021 - 03:59 PM (IST)

जहां एक तरफ लोगों में कोरोना का डर बैठा हुआ है वहीं दूसरी तरफ देश में म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस नाम का दुर्लभ इंफैक्शन फैल रहा है। यह दुर्लभ कवक संक्रमण इतना खतरनाक है कि 2 दिन तक इलाज ना मिलने से व्यक्ति के आंखों की रोशनी भी जा सकती है। यह फंगस खून के साथ शरीर के अंगों तक पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है। फेफड़ों, नाक, आंख और मस्तिष्क में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलता है, जिसके कारण वहां सूजन होने लगती है।

ब्लैक फंगस के तेजी से बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए  ICMR और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि इससे इंफेक्टिड लोगों को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

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मधुमेह के मरीजों को सबसे ज्यादा खतरा

ह्यूमिडीफाइड ऑक्सीजन में यह फंगस जल्दी पनपता है। डायबिटीज मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इसका खतरा अधिक है। स्टेरायड के अलावा कोरोना की कुछ दवाएं भी इम्यूनिटी पर असर डालती हैं, जिससे ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।  एक्सपर्ट के मुताबिक, इसके कारण होने वाली मृत्यु दर 50 से 60% के बीच हो सकती है।

​स्किन इंफेक्शन और ब्लैक फंगस में अंतर

ब्लैक फंगस त्वचा पर होने वाला एक आंतरिक फंगल इंफेक्शन है, जिसके कारण स्किन पर blemishes, गुच्छे, गांठें बन जाती है। इसके कारण त्वचा पर खुजली होने लगती है लेकिन ट्रीटमेंट से इसे ठीक किया जा सकता है। हालांकि त्वचा पर इलाज ना मिलने की वजह से इसके कारण मरीज की मौत भी हो सकती है जबकि स्किन इंफेक्शन में ऐसा नहीं होता।

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किन लक्षणों से करें संक्रमण की पहचान?

-आंखों और नाक के आसपास दर्द और लालपन
-तेज बुखार
-लगातार सिरदर्द
-सांस लेने में तकलीफ
-उल्टी के साथ खून आना
-दांत व गले में सूजन और दर्द

म्यूकोरमाइकोसिस से बचाव के लिए क्या करें?

1. कोरोना से ठीक हो चुके शुगर के मरीजों पर ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ने लगा है इसलिए हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करें। साथ ही रेगुलर ब्लड शुगर की जांच करवाते रहें। 
2. हो सके तो स्टेरॉयड का इस्तेमाल ना करें या डॉक्टर की सलाह कम मात्रा में इसका यूज करें।
3. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान ह्यूमिडिफायर के लिए साफ पानी यूज करें।

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क्या गलती नहीं करनी चाहिए?

1. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी के अनुसार संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक या एंटीफंगल दवाएं खाएं।
2.  नाक बंद हो तो इसे बैक्टीरियल साइनोसाइटिस मानने की बजाए डॉक्टर की सलाह लें, खासकर कोरोना के मरीज।
3. अपने आस-पास साफ-सफाई को लेकर ज्यादा से ज्यादा सजग रहें।
4. आंख नाक व आंख को छूने से बचें और बाहर जाते समय मास्क जरूर पहनें। साथ ही हाथों की नियमित सफाई करते रहें।
5. ऑक्‍सीजन थेरेपी के दौरान स्‍टेराइल वॉटर का इस्तेमाल करें। साथ ही इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का सेवन बंद कर दें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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