मसीहा बने डॉक्टर, ट्रेन हादसे में कटे शख्स के हाथों की सर्जरी कर दी नई जिंदगी

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2024 - 11:09 AM (IST)

भारत में डॉक्टर को ऐसे ही भगवान नहीं माना जाता। मेडिकल की दुनिया में उन्होंने कुछ ऐसे चमत्कार कर दिखाए हैं जिनसे लोगों को जिंदगी ही बदल गई है। आज ऐसे ही डॉक्टरों का एक चमत्कार आपको बताएंगे जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। साल 2020 में एक शख्स जो कि पेंटर था उसने ट्रेन हादसे में अपने हाथ खो दिए थे। हाथ कट जाने के बाद इस शख्स की अपनी जिंदगी से उम्मीद ही नहीं रखी थी लेकिन डॉक्टरों ने उसकी जिंदगी को एक नई उम्मीद दे दी। चार साल बाद इस शख्स के हाथों का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने ट्रांसप्लाट किया। 

डॉक्टरों ने हाथों का ट्रांसप्लांट कर जगाई नई उम्मीद 

इसी साल जनवरी में डॉक्टरों ने इस शख्स के दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट किया। उस शख्स के दोनों हाथों में डॉक्टरों ने एक ऐसी महिला के हाथ लगा दिए जिसका ब्रेन डेड हो चुका था। हाथ लगने के बाद अब यह शख्स फिर से अपने हाथों के साथ पेंट कर पाएगा। लेकिन यह सब उस महिला के परिवार के कारण संभव हो पाया। इस महिला की मृत्यु होने के बाद उनके परिवार ने उस महिला के अंग दान करने का फैसला किया।

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आसान नहीं था ट्रांसप्लांट 

हालांकि किसी पुरुष के शरीर में एक महिला के अंग लगाना बहुत ही मुश्किल सर्जरी होती है। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि ये उत्तर भारत की पहली सर्जरी थी। काफी जटिल प्रोसेस के बाद भी हमने इसमें कामयाबी हासिल की। हमने हड्डियों, धमनियों, नसों, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं और त्वचा के साथ-साथ अलग-अलग अंगों को नाजुक ढंग के साथ जोड़ा। इस सर्जरी में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष और डॉक्टर भी शामिल थे। 

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छ: हफ्ते बाद मिलेगा अस्पताल से डिस्चार्ज 

यह ऑपरेशन डॉक्टरों के लिए जितना मुश्किल था उतना ही खास भी था ऐसे में ऑपरेशन के बाद मरीज को निगरानी के लिए अस्पताल में रखा गया था। 19 जनवरी को डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी पूरी की और लगभग 6  हफ्ते के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। 

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palak

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