Kajari Teej 2021: कजरी तीज पर सुहागिन महिलाएं भूलकर भी ना करें ये 3 काम
punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 01:51 PM (IST)
कजरी तीज, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया यानि 24 अगस्त को मनाई जाएगी। आकाश में घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस हिंदू उत्सव को कजरी तीज कहा जाता हैं। इस दौरान सुहागन व कुंवारी कन्याएं मां पार्वती के श्यामला रूप का पूजा-अर्चना करती हैं। वहीं, शिवपुराण में कजरी तीज को काफी महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती इसी दिन विरहाग्नि में तपकर काली हो गई थी। इसके बाद उन्होंने इसी दिन काला रंग त्यागकर भगवान शिव से पुनः मिलन किया था। ऐसे में इस दौरान कुछ काम करके आप सुख-संपत्ति व सौभाग्य का वरदान पा सकती हैं।
कजरी तीज पर महिलाएं भूलकर भी ना करें ये 3 काम
कजरी तीज पर महिलाओं को 3 बातें छोड़नी चाहिए... पहला पति से छल, दूसरा दुर्व्यवहार व तीसरा परनिंदा।
. अगर व्रत रखा है तो पूरा श्रृंगार करें और अन्न व जल ग्रहण ना करें।
. इस दिन पति से झगड़ा ना करें और ना ही कोई अपशब्द बोलें। पति से अच्छी तरह बात करें और उनसे दूरी बनाकर ना रखें।
. किसी की निंदा, चुगली या बुराई ना करें। साथ ही बुजुर्गों का अपमान ना करें बल्कि सुबह उठकर उनका आशीर्वाद लें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
. सुहागने कजरी तीज को अपने पीहर अथवा अपने मामा के घर मनाती हैं। इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर सुहागने अपनी सास के पांव छूकर उन्हें भेंट करती हैं। कजरी तीज पर पैरों में मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है।
. सुहागने पति हेतु व कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए व्रत रखें। इस दिन घर में झूला डालकर झूले।
. सत्तू में घी, गेहूं, जौ, चना व चावल मिलाकर पकवान बनाएं और शाम को चंद्रोदय के बाद व्रत खोलें।
. कजरी तीज के दिन सुहागिन औरतों को सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
. सुहागिन महिलाएं हाथों पर मेहंदी जरूर लगाएं और साथ ही हाथों में चूड़ियां पहनें। कजरी तीज पर हाथों को खाली रखना अशुभ माना जाता है।
. घर में कलह-कलेश ना होने दें। धूपबत्ती या अगरबत्ति जलाएं। मान्यता है कि उसके धुएं से घर की नेगेटिव एनर्जी भाग जाती है।
कजरी तीज पर जरूर करें ये काम
. भगवान शिव- माता पार्वती के साथ श्रीकृष्ण का विधिवत षोडशोपचार पूजन करें।
. इस दिन देवी को पीपल, कदंब व बरगद के पत्ते जरूर अर्पित करें।
. इस दिन काली गाय की पूजा करके उन्हें आटे की 7 रोटियां बनाकर उस पर गुड़ चना रखकर खिलाई जाती है।
. पूजा खत्म होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करके उनका आशीर्वाद लें। इससे सुख-संपत्ति व सौभाग्य का वरदान मिलता है।