टॉन्सिल के कारण गले का हो गया है बुरा हाल, तो इन घरेलू नुस्खों से दर्द होगा छूमंतर

punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 09:27 AM (IST)

बदलते मौसम में गले में खराश होना आम समस्या है, ऐसे में लोग इसे नजरअंदाज करने की गलती कर बैठते हैं।  गले में लगातार खराश बने रहना टॉन्सिल के लक्षण हो सकते हैं जो आगे चलकर कई तरह की परेशानी खड़ी कर सकता है। टॉन्सिल (Tonsils) गले के दोनों तरफ स्थित छोटे, अंडाकार आकार के लिम्फॉइड ऊतक होते हैं, जो शरीर की इम्यून प्रणाली का हिस्सा होते हैं। ये बैक्टीरिया और वायरस को रोकने में मदद करते हैं, लेकिन कभी-कभी खुद ही संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आप घरेलू उपायों की मदद से गले में मौजूद टॉन्सिल से कुछ हद तक राहत पा सकते हैं। 


टॉन्सिल के कारण

अधिकांश मामलों में टॉन्सिल का कारण वायरल संक्रमण होता है, जैसे सामान्य सर्दी का वायरस। बैक्टीरिया, विशेष रूप से स्ट्रीपटोकोकस (Streptococcus) बैक्टीरिया, भी टॉन्सिलाइटिस का कारण बन सकते हैं।धूल, धुएं, या अन्य एलर्जी कारकों के कारण भी गला सूज जाता है। वहीं  कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

टॉन्सिलाइटिस के लक्षण

-गले में तेज दर्द, जो निगलने के दौरान और बढ़ जाता है।
-संक्रमण के कारण हल्का या तेज बुखार हो सकता है।
- टॉन्सिल के साथ सिरदर्द भी हो सकता है।
-गले में सूजन और लालिमा दिखाई देती है।
-गले में सूजन के कारण आवाज में बदलाव आ सकता है।
-टॉन्सिल पर सफेद या पीले धब्बे नजर आ सकते हैं।

 घरेलू उपचार

गरम पानी से गरारे करें

एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करें। यह गले की सूजन को कम करने और राहत देने में मदद करता है।

हर्बल चाय पिएं

दरक, हल्दी, तुलसी, या शहद वाली चाय पिएं। ये प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं।

शहद और नींबू का सेवन

 एक चम्मच शहद और थोड़ा नींबू का रस मिलाकर पिएं। शहद गले को आराम देता है और नींबू इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

गर्म सूप और तरल पदार्थ

 गुनगुने तरल पदार्थ, जैसे सूप, गले को आराम देने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है।

भाप लें

 भाप लेने से गले की सूजन कम हो सकती है और गले में जमा बलगम ढीला हो सकता है।

पर्याप्त आराम करें

 शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त आराम की जरूरत होती है।

 सावधानियां

- अगर घरेलू उपचार के बावजूद 2-3 दिनों में सुधार नहीं होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
- बैक्टीरियल टॉन्सिलाइटिस के लिए एंटीबायोटिक दवाएं आवश्यक हो सकती हैं।
- बार-बार टॉन्सिलाइटिस होने पर टॉन्सिल्स को निकालने के लिए सर्जरी (टॉन्सिलेक्टोमी) की सलाह दी जा सकती है। 


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vasudha

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