दिवाली पर भूलकर भी न जलाएं दीया में कपड़े की बाती, वरना हो जाएंगे कंगाल!

punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 03:40 PM (IST)

नारी डेस्क : दिवाली का त्योहार रोशनी, खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख, धन और वैभव बना रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा के समय दीया जलाते हुए एक छोटी-सी गलती भी आपकी किस्मत पर भारी पड़ सकती है? खासकर दीये की बाती (wick) से जुड़ी गलती को लेकर शास्त्रों में स्पष्ट चेतावनी दी गई है।

कपड़े की बाती क्यों नहीं जलानी चाहिए?

अक्सर लोग जल्दी या सुविधा के लिए कपड़े के टुकड़े से दीया जलाते हैं। लेकिन धार्मिक दृष्टि से यह अशुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, "दीपक में कपड़े की बाती जलाने से न केवल मां लक्ष्मी नाराज होती हैं, बल्कि घर की धन-समृद्धि भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।" कपड़े की बाती जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मां लक्ष्मी का वास कम होता है। यह "अशुद्ध अग्नि" मानी जाती है जो दरिद्रता (गरीबी) को बुलाती है।

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शास्त्रों में क्या कहा गया है?

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार दीपक का संबंध केवल प्रकाश से नहीं बल्कि ऊर्जा, पुण्य और सकारात्मकता से है।
दीपक जलाने का सही तरीका अपनाने से न केवल पूजा का फल बढ़ता है बल्कि घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

गरुड़ पुराण और स्कंद पुराण में बताया गया है कि —

"घृतदीपः शुभं दत्ते तैलदीपः धनप्रदः।

वस्त्रदीपः दरिद्रस्य कारणं भवति।"

अर्थात — घी का दीया शुभ देता है, तेल का दीया धन बढ़ाता है, लेकिन कपड़े से बना दीया दरिद्रता लाता है।

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कौन सी बाती शुभ मानी जाती है?

कॉटन (रुई) से बनी बाती सबसे शुभ मानी गई है।

कपूर या तुलसी के पत्ते के पास दीया रखना भी बहुत लाभदायक होता है।

घी का दीया देवी लक्ष्मी की पूजा में सबसे उत्तम माना जाता है, जबकि सरसों के तेल का दीया भगवान शनि और काल भैरव को प्रसन्न करता है।

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कब और किस दिशा में जलाएं दीया?

पूर्व दिशा में जलाया गया दीया ज्ञान और समृद्धि बढ़ाता है।

उत्तर दिशा में धन में वृद्धि होती है।

दक्षिण दिशा में  पितरों की शांति के लिए जलाया जाता है।

पश्चिम दिशा में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

दीया जलाते समय यह ध्यान रखें कि दीपक की लौ कभी बुझनी नहीं चाहिए और दीया हमेशा शुद्ध स्थान पर रखें।

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दीया जलाते समय इन गलतियों से बचें

दीया जलाने के बाद उसे फूंक मारकर बुझाएं नहीं।

पूजा के बाद दीए का तेल बेकार न करें, अगले दिन किसी तुलसी या देवी मंदिर में रख दें।

कभी भी जूते पहनकर दीपक न जलाएं।

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मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय

दीपावली की रात 11 या 21 दीए जलाएं।

मुख्य द्वार पर दो दीए जलाकर रखें। एक घी का और एक तेल का।

दीए की बाती दक्षिणावर्त (दाएं घूमी हुई) बनाएं, इससे घर में धनवृद्धि होती है।

पूजा के समय “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।

दिवाली के दीपक सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि आपकी किस्मत और ऊर्जा के प्रतीक होते हैं। कपड़े की बाती जलाना भले आसान लगे, लेकिन यह शुभता को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस बार दिवाली पर शुद्ध रुई की बाती से दीया जलाएं और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें ताकि आपके घर में धन, सुख और सौभाग्य सदैव बना रहे।


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Content Editor

Monika

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