इस मंदिर में एक साथ 1100 शिवलिंगों पर जल चढ़ा कर भक्त पाते हैं पुण्य, लक्ष्मीबाई भी यहां करती थी पूजा अर्चना
punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 06:41 PM (IST)
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नारी डेस्क: बुंदेलखंड के झांसी में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है यहां के प्राचीन ऐतिहासिक पानी के धर्मशाला स्थित हजारिया महादेव मंदिर में अद्भुत शिवलिंग स्थापित है जो छोटे छोटे 1100 शिवलिंगों से मिलकर बना है जो 10 चक्रों में समाहित हैं। झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई जो महादेव की परम भक्त थीं वह इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आतीं थी ।
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मंदिर के पुजारी पंडित प्रमिल शर्मा ने मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि मंदिर का निर्माण लगभग 600 साल पहले गोसाइयों के शासनकाल में किया गया था। इस मंदिर को पंचमहेश्वर भी कहा जाता है। मंदिर में विष्णुदेव, सूर्यदेव, माता पार्वती,और गणेश जी की प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। ऐसे होना इसे दुर्लभ मंदिरों की श्रेणी में लाता है।
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पंडित जी ने बताया कि यह मंदिर पानी वाली धर्मशाला के नाम से प्रसिद्ध है क्योंकि यहां मंदिर से लगी ही बड़ी बावड़ी भी बनायी गयी थी जो प्राचीन काल में दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के पास ही जल की सुविधा मुहैया कराती थी साथ ही आज भी यह बावड़ी इस पूरे क्षेत्र में जलस्तर को बनाये रखने में तो बड़ी भूमिका निभाती ही है। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में न केवल महानगर बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आगमन होता है।
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हर बार की तरह इस बार भी महाशिवरात्रि पर सुबह चार बजे भगवान भोले नाथ का रूद्राभिषेक किया जायेगा और इसके बाद आरती होगी। इस अवसर पर मंदिर परिसर में पूरा दिन खीर वितरण का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए किया जाता है। शाम की आरती आठ बजे होगी । मंदिर में आने वाली श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के मद्देनजर मंदिर परिसर में पुलिस प्रशासन द्वारा तमाम तरह की व्यवस्थाएं की जाती हैं और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये जाते हैं।