इस दिन होंगे सभी देवी-देवताओं के दर्शन, जानिए पावन पर्व पर कहां और कब जलाएं दीपक ?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 12, 2024 - 06:51 PM (IST)

नारी डेस्क:देव दीपावली, जिसे देवताओं की दिवाली भी कहा जाता है, कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेष रूप से काशी (वाराणसी) में प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का संहार किया था, जिससे देवताओं ने प्रसन्न होकर दीप जलाकर विजय का उत्सव मनाया। इसलिए इसे देवताओं की दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

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देव दीपावली कब है? 

देव दीपावली पर देवता स्वयं गंगा तट पर आकर दीप जलाते हैं। इसी परंपरा को मानकर लोग नदी, तालाब, और पवित्र स्थलों पर दीपदान करते हैं. मान्यता है कि इससे सभी संकट दूर होते हैं और जातक को कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 15 नवंबर की सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि का महत्व है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। 

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 देव दीपावली की विशेषताएं

देव दीपावली का विशेष आयोजन काशी के घाटों पर होता है, जहां गंगा किनारे लाखों दीये जलाए जाते हैं। इसके अलावा घरों में भी दीये जलाकर देवताओं को प्रसन्न किया जाता है।  गंगा नदी के घाटों पर लोग दीये जलाकर देवी-देवताओं का आह्वान करते हैं। ये दीये आस्था, पवित्रता और सुख-समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। लोग अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार सैकड़ों, हजारों, और कुछ जगहों पर लाखों दीये जलाते हैं। काशी के घाटों पर दीयों की संख्या विशाल होती है, जिससे पूरा क्षेत्र रौशन हो उठता है। शाम के समय, सूर्यास्त के बाद दीये जलाए जाते हैं। इस समय को पवित्र और शुभ माना जाता है, जब गंगा किनारे आरती और दीपदान की जाती है।

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 देव दीपावली के दौरान दीये जलाने के लाभ

देव दिवाली के दिन 11, 21, 51और 108 दीए जलाने का विशेष महत्व है। आप इससे ज्यादा भी दीपक जला सकते हैं। इसे धन, सुख, और शांति प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। - मान्यता है कि इस दिन जलाए गए दीयों से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इसे करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का भी विश्वास किया जाता है।इस प्रकार, देव दीपावली पर दीये जलाकर श्रद्धालु देवताओं की कृपा प्राप्त करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए इस पर्व को बड़ी श्रद्धा और उल्लास से मनाते हैं।
 


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vasudha

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