Covid मरीज ब्लैक फंगस से कैसे बचें?
punjabkesari.in Wednesday, May 12, 2021 - 06:39 PM (IST)
देश में कोरोना वायरस प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जहां एक तरफ कोरोना के चलते लोग डरे हुए हैं वहीं भारत के कई राज्यों में ब्लैक फंगस नाम का दुर्लभ इंफैक्शन भी फैल रहा है। यह फंगस इतना खतरनाक है कि व्यक्ति को अगर दो दिन तक इलाज ना मिले तो उसकी आंखों की रोशनी भी जा सकती हैं और मरीज की मौत भी हो सकती है। यह बीमारी उन लोगों को हो रही है जो कोरोना वायरस से ठीक हुए हैं या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
गुजरात और दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में इसके मामले सामने आए हैं। जिसके बाद बीएमसी ने एक टास्क फोर्स की शुरूआत की है। चलिए जानते हैं ब्लैक फंगस है क्या और कोरोना मरीज इससे अपना बचाव कैसे करें।
चलिए जानते हैं क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहा जाता है। यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। ब्लैक फंगस मरीज नाक, कान और गले ही नहीं बल्कि फेफड़े और स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इससे कई मरीजों के आंखों की रोशनी तक चली जाती है तो वहीं जबड़े और नाक की हड्डी गलने लगती है। इस बीमारी को कंट्रोल न करने और सही इलाज न मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
· नाक की अंदरुनी दीवारों पर सूखापन और काले व भूरे रंग की पपड़ियां जमने लगती हैं।
· नाक बंद होना शुरू हो जाता है।
· ऊपर वाले होठों और गालों का सुन्न होना।
· आंखे लाल और सूजन आ जाना
. बुखार, सिरदर्द, खांसी के साथ खून वाली उल्टी भी हो सकती है।
अगर यह लक्षण दिखें तो डाक्टरी सलाह जरूर लें।
क्यों हो रही ये समस्या ?
ब्लैक फंगस इंफेक्शन को ज्यादा मामले कोरोना वायरस के मरीजों में देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा डायबिटीज मरीज, स्टीरॉयड्स लेने वालों में और जो आईसीयू में लंबे समय तक रहे। उन लोगों में इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।
कोरोना मरीजों को ज्यादा खतरा क्यों ?
विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। जिस वजह से वह आसानी से ब्लैक फंगस का शिकार हो जाते हैं। कोरोना मरीजों में जो डायबिटीक हैं उनके लिए यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है।
ब्लैक फंगस से बचाव
- शुगर कंट्रोल में रखें
- कोरोना मरीज ब्लड शुगर लेवल की जांच कराएं
- स्टीरॉयड्स को ज्यादा इस्तेमाल न करें
- साफ पानी से ऑक्सीजन थेरेपी लें
- एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल दवाइयों का ध्यान से करें इस्तेमाल
- धूल-मिट्टी वाली जगह पर मास्क जरूर पहनें
- पर्सनल हाइजीन का धयान रखें