कोरोना संकट के बीच Congo Fever का बढ़ा खतरा, जानिए लक्षण और बचाव
punjabkesari.in Thursday, Oct 01, 2020 - 09:31 AM (IST)
देश में कोरोना का कहर खत्म नहीं हुआ कि वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया जैसे संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच देश में कांगो फीवर ने भी दस्तक दे दी है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। गुजरात के कुछ जिलों में कांगो बुखार के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र में इसके फैलने का खतरा है। इसी के चलते महाराष्ट्र के पालघर जिले में दिशा-निर्देश जारी करते हुए सावधान रहने के लिए कहा। पालघर जिला प्रशासन ने कहा है कि कोरोना के कारण मांस विक्रेताओं, पशुपालकों और पशुपालन अधिकारियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या हैं कांगो फीवर?
कांगो एक ऐसा वायरल बुखार है, जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचता है। दरअसल, जानवरों की चमड़ी में हिमोरल जीवाणु होता है, जो इंसानों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है, जिसे कांगो बुखार का नाम दिया गया है। इस जीवाणु के संपर्क में आने के 3-9 दिन के अंदर लक्षण नजर आने लगते हैं।
भारत के कई शहरों में अलर्ट
बता दें कि गुजरात के वलसाड और महाराष्ट्र का पालघर जिला बहुत नजदीक है इसलिए प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, लोगों को मांस ना खाने की सलाह भी दी जा रहा है।
कैसे फैलती है यह बीमारी?
-यह वायरस ज्यादातर टिक्स या पिस्सू के जरिए फैलता है।
-एक खास तरह की किलनी से भी यह बीमारी फैल सकती है।
-संक्रमित पशुओं के खून या मांस खाने वाले लोगों को भी इसका खतरा है।
कितनी खतरनाक है यह बीमारी?
अगर समय रहते इसके लक्षणों की पहचान ना की जाए तो इससे जान जाने का खतरा रहता है। पिछले आंकड़ों के मुताबिक, करीब 30% लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं। यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि अभी तक इसकी कोई वैक्सीन या पुख्ता वैक्सीन नहीं बनाई गई है।
कांगो बुखार के लक्षण
- तेज बुखार
-सिर व मांसपेशियों में दर्द
-चक्कर आना
-आंखों मे जलन
-रोशनी से डर लगना
-गला पूरी तरह बैठ जाना
-पीठ में दर्द और उल्टी
-मुंह व नाक से खून आना, जो सबसे खतरनाक स्थिति है।
-इसके बाद शरीर के अंग खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे रखें बचाव?
यह बुखार काफी हद तक डेंगू की तरह होता है इसलिए इसमें ज्यादा सावधानी बरतनें की जरूरत है
. अगर घर में पालतू जानवर है तो साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। जानवरों से दूरी बनाकर रखें, खासकर बच्चों को पेट्स से दूर रखएं।
. जब भी पानी पीएं उसे उबाल लें।
. पर्दे, बेडशीट और कालीन को समय-समय पर धूप लगवाएं।
. घर से बाहर जाते समय मुंह और नाक अच्छी तरह कवर करें।
. बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
. अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, का काढ़ा बनाकर पीएं।
. हैल्दी डाइट लें और रोजाना योग करें। इसके अलावा सुबह-शाम की सैर भी करें।
ध्यान रखें कि बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके।