ऐसा मंदिर जहां फूल-प्रसाद नहीं, भगवान को चिट्ठी लिखने से पूरी होती है इच्छा!
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 05:49 PM (IST)
नारी डेस्क: अगर आप अपनी किसी अधूरी मन्नत, मन की परेशानी या न्याय की उम्मीद लेकर भगवान के दरबार में जाना चाहते हैं, तो उत्तराखंड के नैनीताल के पास स्थित चितई गोलू देवता मंदिर आपके लिए एक खास और भावनात्मक अनुभव बन सकता है। यह मंदिर पूरे देश में न्याय के देवता के रूप में प्रसिद्ध है।
गोलू देवता कौन हैं?
उत्तराखंड में गोलू देवता को न्याय के देवता माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी समस्या या मन्नत लिखकर गोलू देवता को अर्पित करता है, उसकी सुनवाई जरूर होती है। स्थानीय लोगों का गहरा विश्वास है कि गोलू देवता गलत के खिलाफ न्याय दिलाते हैं और सच्चाई की रक्षा करते हैं।
Next stop: Chitai Golu Devta Temple.
— Do Baniye| Credit Cards, Travel & Lifestyle (@DoBaniye) October 17, 2025
This temple is dedicated to Golu Devta, the revered God of Justice. People write petitions and tie them up in the temple, asking him to resolve their legal and personal problems. You see thousands of bells hanging everywhere, offered by… pic.twitter.com/8HkIer3X7i
चिट्ठी लिखने की अनोखी परंपरा
गोलू देवता मंदिर की सबसे खास बात यहां की चिट्ठी लिखने की परंपरा है। भक्त अपनी मन्नत, समस्या या न्याय की गुहार एक सादे कागज पर लिखकर मंदिर में चढ़ाते हैं। मंदिर परिसर में हजारों चिट्ठियां और घंटियां टंगी हुई दिखाई देती हैं, जो लोगों की आस्था और विश्वास को दर्शाती हैं। जब किसी भक्त की मन्नत पूरी हो जाती है, तो वह धन्यवाद स्वरूप मंदिर में घंटी चढ़ाता है। इसी वजह से यहां हर समय घंटियों की मधुर आवाज सुनाई देती है।
नैनीताल के पास स्थित है यह मंदिर
चितई गोलू देवता मंदिर नैनीताल से लगभग 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। घने देवदार के जंगल, पहाड़ी रास्ते और ठंडी हवा इस यात्रा को बेहद सुकूनभरा बना देते हैं। यह जगह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से खास है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और सोलो ट्रैवलर्स के लिए भी एक बेहतरीन अनुभव है।

मंदिर घूमने का सही समय
गोलू देवता मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच माना जाता है। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और यात्रा आरामदायक होती है। सावन और नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, क्योंकि इन दिनों लोगों की आस्था और श्रद्धा और भी अधिक बढ़ जाती है।
कैसे पहुंचें गोलू देवता मंदिर?
रेल मार्ग: काठगोदाम रेलवे स्टेशन यहां का सबसे नजदीकी स्टेशन है।
सड़क मार्ग: नैनीताल से टैक्सी और लोकल बस आसानी से मिल जाती है।
हवाई मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
हालांकि पहाड़ी रास्ते थोड़े घुमावदार हैं, लेकिन रास्ते भर दिखने वाले नजारे यात्रा को यादगार बना देते हैं।

क्यों जाएं चितई गोलू देवता मंदिर?
अगर आप मन की शांति, न्याय की उम्मीद और आध्यात्मिक सुकून चाहते हैं, तो चितई गोलू देवता मंदिर जरूर जाएं। यहां की अनोखी परंपरा और शांत वातावरण दिल और मन दोनों को सुकून देता है।

