Chhath Puja 2025: सूर्यदेव और छठी मइया की इस Designs रंगोली से सजाएं घर-आंगन और घाट

punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 03:41 PM (IST)

नारी डेस्क : छठ महापर्व का आगमन होते ही घर-आंगन में श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता का माहौल छा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं न केवल सूर्यदेव और छठी मइया की पूजा करती हैं, बल्कि अपने घर को रंगोली से सजाकर त्योहार की शोभा को और भी बढ़ा देती हैं। पारंपरिक रंगों और आधुनिक डिज़ाइनों का सुंदर मेल बनाकर आप भी अपने घर, आंगन और घाट को सजाकर इस पावन पर्व को यादगार बना सकते हैं।

छठ पूजा में रंगोली का महत्व

छठ पूजा सादगी और आत्मसंयम का त्योहार माना जाता है, लेकिन रंगोली इसमें श्रद्धा और सकारात्मकता का प्रतीक है। कहा जाता है कि रंगोली से न केवल घर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता भी आती है। सूर्यदेव और छठी मइया की थीम वाली रंगोली पूजा स्थल की शोभा को बढ़ाती है और भक्तिभाव से वातावरण को भर देती है।

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सूर्यदेव और छठी मइया थीम वाली रंगोली

छठ पूजा में खास तौर पर सूर्यदेव को अर्घ्य देती महिला और छठी मइया की छवि वाली रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है। इन डिज़ाइनों में पीले, नारंगी, लाल और हल्के नीले जैसे ऊर्जा और भक्ति के प्रतीक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी रंगोली न केवल देखने में सुंदर लगती है बल्कि पूजा की पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा को भी बढ़ाती है।

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पारंपरिक प्रतीकों से बढ़ाएं रंगोली की शोभा

रंगोली बनाते समय पारंपरिक प्रतीकों को शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें आप सूर्यदेव का चेहरा और उनकी चमकदार किरणें, शुभ कलश और नारियल, दीपक और स्वास्तिक का चिन्ह, घाट का दृश्य और अर्घ्य देती महिलाओं के चित्र बना सकते हैं। इन प्रतीकों को रंगोली में शामिल करने से न केवल इसकी सुंदरता बढ़ती है बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को भी दर्शाती है, जिससे आपकी रंगोली में भक्ति और परंपरा दोनों झलकते हैं।

घर-आंगन और घाट की सजावट

छठ पूजा के दौरान सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि घाटों को सजाना भी परंपरा का हिस्सा है। आप रंगोली के साथ दीपक, केले के पत्ते, फूलों और पारंपरिक कलश से सजावट कर सकते हैं। इससे न केवल पूजा का माहौल सुंदर बनता है, बल्कि वातावरण में भक्ति, शांति और सकारात्मकता का संचार होता है।

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आधुनिक और पारंपरिक का संगम

आजकल महिलाएं पारंपरिक डिज़ाइनों में आधुनिक टच जोड़कर अपनी रंगोली को और भी खास बना रही हैं। फ्लोरल पैटर्न, मंडला डिज़ाइन या छठी मइया की कलात्मक आकृतियों से आप अपनी रंगोली को यूनिक बना सकती हैं। यह त्योहार सिर्फ व्रत का नहीं, बल्कि रंगों, विश्वास और परिवार के प्रेम को जोड़ने का भी अवसर है।

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छठ पूजा में बनाई गई रंगोली सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि भक्ति और आस्था का प्रतीक है। सूर्यदेव और छठी मइया की कृपा पाने के लिए जब महिलाएं अपने घर और घाट को रंगों से सजाती हैं, तो मानो पूरा वातावरण भक्तिभाव से भर उठता है। इस छठ, अपने हाथों से रंगोली बनाएं और अपने घर को भक्ति, सुंदरता और सकारात्मक ऊर्जा से भर दें। 


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Content Editor

Monika

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