OMG! भारत में यहां आलू-प्याज से भी सस्ते हैं काजू, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Monday, May 10, 2021 - 07:37 PM (IST)

सेहतमंद रहने के लिए डाइट में ड्राई फ्रूट्स शामिल करना बेस्ट ऑप्शन है। वहीं इसमें काजू कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। मगर बात इसके दाम की करें तो इसे खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं। असल में, काजू प्रति किलो 650 से 800 रुपए तक बिकता है। मगर यहीं काजू अगर आपको आलू-प्याज के भाव मिले तो आपको कैसा लगेगा? सुनने में आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा। मगर यहीं सच है। असल में, भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर काजू का रेट आलू-प्याज जितना है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में...

यहां पर आलू-प्याज के दाम में बिकता है काजू 

बता दें, दिल्ली से लगभग 12,000 किलोमीटर दूरी पर झारखंड के जामताड़ा जिले के के नाला में काजू बेहद सस्ता मिलता है। यहां पर आप काजू को आलू-प्याज की तरह 10-20 रुपए प्रति किलो खरीद सकते हैं। 

काजू सस्ता होने का कारण

बात काजू के इतना सस्ता होने की करें तो झारखंड के जामताड़ा के नाला इलाके में करीब 49 एकड़ जमीन पर काजू के बहुत से बागान बने हुए है। वहीं यहां पर काम करने वाले बच्चे और महिलाएं काजू को सस्ते में ही बेच देते हैं। यह बागान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। ऐसे में काजू की फसल में फायदा होने के कारण इस इलाके के बहुत से लोगों का रुझान अब इस ओर होने लगा है। 

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ऐसे हुई काजू की खेती करने की शुरुआत

माना जाता है कि जामताड़ा के पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा काजू खाने के शौकीन थे। ऐसे में वे जामताड़ा में ही काजू के बागान बनाना चाहते थे। ताकि उन्हें सस्ते और ताजे काजू खाने को मिले। तब उन्होंने वैज्ञानिकों से जामताड़ा की जमीन के बारे में पता लगार यहां पर काजू के बागवानी शुरुआत कर दी। कुछ सालों में काजू की खेती होने लगी। मगर बागान की सुरक्षा के लिए कोई खास इंतजाम नहीं था। इसके कारण काजू को वहां के मजदूर अपने ही दाम में बेच देते थे या फिर काजू चोरी हो जाते हैं। 

नाला को काजू का नगर बनाने का था सपना

कृपानंद नाला को काजू का नगर बनाने चाहते थे। ऐसे में उनके द्वारा पहल करने पर निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को 3 लाख भुगतान करके 3 वर्षों तक बागान की निगरानी की जिम्मेदारी दे दी। अनुमान है कि इस बागान में हर साल हजारों क्विंटल काजू की पैदावार होती है। मगर बागान की सही से देखभाल ना होने पर यहां से आने-जाने वाले लोग इसे तोड़ कर ले जाते हैं। 

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राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की मांग 

वहीं जो लोग काजू के बागान में काम करते हैं उन्होंने कई बार राज्य सरकार से इसकी सुरक्षा के लिए मदद मांगी है। मगर किसी ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया है। ऐसे में अगर आप सस्ते काजू खाना चाहते हैं तो यहां की ओर रुख कर सकते हैं।
 


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neetu

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