क्या घाव को साबुन से धोने पर खत्म हो जाता है रेबीज का खतरा? जानिए WHO और एक्सपर्ट्स की राय
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 05:31 PM (IST)

नारी डेस्क : देश के अलग-अलग हिस्सों से कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिनमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं और कुछ ने अपनी जान तक गंवा दी है। खासकर बड़े शहरों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। इस बीच पशु अधिकार कार्यकर्ता अंबिका शुक्ला का बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा कि रेबीज बहुत नाजुक वायरस है और इसे साबुन और पानी से धोकर खत्म किया जा सकता है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सचमुच सिर्फ साबुन और पानी से घाव धोने पर रेबीज का खतरा टल जाता है, या फिर इसके बाद और भी मेडिकल इलाज जरूरी है? WHO और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय इस पर क्या कहती है, आइए जानते हैं।
क्या सिर्फ साबुन से धोने से रेबीज से बचा जा सकता है?
कुत्ते या किसी भी जानवर के काटने पर घाव को तुरंत साबुन और बहते पानी से धोना बेहद जरूरी है, लेकिन यह पूरी तरह से रेबीज से बचाव नहीं करता। यह सिर्फ पहला और सबसे अहम कदम है, जिसे फर्स्ट एड माना जाता है। WHO और विशेषज्ञों के अनुसार, संदिग्ध या संक्रमित जानवर के काटने पर घाव को कम से कम 10-15 मिनट तक अच्छी तरह धोना चाहिए ताकि वायरस और गंदगी काफी हद तक साफ हो जाए और संक्रमण का खतरा घटे। हालांकि, केवल इतना करना ही पर्याप्त नहीं है। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से मिलकर रेबीज वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है, तभी पूरी तरह सुरक्षा संभव है।
रेबीज कितनी खतरनाक बीमारी है?
रेबीज एक बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित जानवर के काटने से इंसान के शरीर में प्रवेश करती है और धीरे-धीरे दिमाग तथा नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इसकी सबसे बड़ी भयावहता यह है कि जब एक बार इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तो फिर इसका कोई इलाज संभव नहीं होता और लगभग हर मामले में मरीज की मौत हो जाती है। WHO के आंकड़ों के अनुसार, हर साल दुनिया भर में हजारों लोग रेबीज से मरते हैं और इनमें सबसे अधिक मामले भारत से सामने आते हैं। भारत में ही हर साल करीब 18,000 से 20,000 मौतें रेबीज की वजह से होती हैं, जो विश्वभर में होने वाली कुल मौतों का लगभग 36% हिस्सा है। यह बीमारी खासतौर पर छोटे बच्चों, ग्रामीण इलाकों में रहने वालों और उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है जो जानवरों के पास रहते हैं या उनका कामकाज पशुओं से जुड़ा होता है।
कुत्ता काट ले तो क्या करें? (WHO गाइडलाइन)
अगर किसी को कुत्ता काट ले तो WHO की गाइडलाइन के अनुसार स्थिति को तीन स्तरों में बांटा गया है। पहले लेवल में यदि केवल जानवर को छूने या उसके पास रहने से संपर्क हुआ है, तो किसी इलाज की आवश्यकता नहीं होती। दूसरे लेवल में जब जानवर हल्की खरोंच मार दे या जीभ से जख्म को छू ले, तो घाव को कम से कम 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोना चाहिए, उसके बाद एंटीसेप्टिक जैसे डेटॉल, सेवलोन या आयोडीन लगाकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना और रेबीज वैक्सीन लगवाना जरूरी है। तीसरे लेवल में यदि गहरा घाव हो जाए या खून निकलने लगे, तो घाव को अच्छी तरह धोने के बाद तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस स्थिति में वैक्सीन के साथ-साथ इम्यूनोग्लोब्युलिन इंजेक्शन भी लगाया जा सकता है ताकि संक्रमण का खतरा पूरी तरह खत्म किया जा सके।
सिर्फ साबुन और पानी से घाव धोना रेबीज से बचाने का पहला कदम है, लेकिन यह पूरा इलाज नहीं है। अगर किसी को कुत्ता या कोई और जानवर काट ले, तो घाव धोने के बाद तुरंत डॉक्टर के पास जाकर रेबीज वैक्सीन जरूर लगवाएं। ऐसा करने से ही इस खतरनाक बीमारी से जान बचाई जा सकती है।