आ गया कोरोना के करवट लेने का वक्त, सर्दियों में बढ़ सकती है समस्या!
punjabkesari.in Sunday, Sep 06, 2020 - 10:24 AM (IST)
लॉकडाउन खत्म होने के बाद भले ही सरकार की तरफ से सख्ती की जा रही हो लेकिन बावजूद इसके कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन नतीजे आने में थोड़ा समय लग सकता है। हालांकि तब तक दवाओं के जरिए कोरोना मरीजों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इसी बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना को लेकर एक नई आंशका जताई है कि सर्दियों में इसके मामले ओर भी बढ़ सकते हैं।
दिसंबर तक 4 लाख तक पहुंच सकता है आंकड़ा
जी हां, हाल ही में अमेरिका से सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दियों में कोरोना के मामले दोगुणा हो सकते हैं। यही नहीं, दिसंबर महीने में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्दियों में अमेरिका में हर रोज 3 हजार से अधिक मौतें हो सकती हैं। यही नहीं, अमेरिका में साल के अंत तक मौत का आंकड़ा 4 लाख के पार पहुंच सकता है।
भारत में भी कोरोना फैलने की संभावना
देखा जाए तो दिसंबर आने में अभी सिर्फ 3 महीने ही बाकी है और इस हिसाब से अंदाजा लगाए तो यह आंकड़ा काफी डराने वाला है। फिलहाल अमेरिका में करीब 850 लोग रोज अपनी जान गवां रहे हैं। बता दें कि फिलहाल कोरोना के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में है। भारत की बात करें तो कोरोना के मामले में यह तीसरे नंबर पर है लेकिन अगर जल्द ही स्थिति को संभाला नहीं गया तो भारत ब्राजील को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर आ जाएगा।
सर्दी में क्यों बढ़ सकते हैं मामले?
दरअसल, सर्दियों में फ्लू, मौसम में बदलाव के कारण कोरोना के मामले भी बढ़ सकते हैं। ऐसें में जब तक वैक्सीन तैयार नहीं होती, तब तक नियमों का पालन करना ही एकमात्र हल है।
कैसे संभल सकती है स्थिति?
खबरों की मानें तो कोरोना के मामले को 30% कम किया जा सकता है लेकिन लोग सोशल डिस्टेंसिंग मास्क, हाइजीन जैसी जरूरी नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अमेरिका में तो एक बड़ा ग्रुप मास्क पहनने को लेकर विरोध भी कर रहा है। वहीं भारत की बात करें तो यहां भी लोगों में कोरोना सेफ्टी को लेकर कोई खास गंभीरता दिखाई नहीं दे रही।
कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कोरोना की दूसरी लहर देशभर में फैल गई तो वैक्सीन पर की जा रही सभी कोशिश खराब हो जाएगी। यह स्थिति काफी भयानक हो सकती है इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक ज्यादातर आबादी की प्रतिरोधक क्षमता कोरोना से लड़ने में सक्षम नहीं होती तब तक इसका खतरा बना रहेगा।
इम्यूनिटी बढ़ाना एकमात्र हल
अंदाजा लगाता जा रहा है कि अगर लोगों की इम्यूनिटी स्ट्रांग हो जाए तो कोरोना 5 सालों से ज्यादा की अवधि तक गायह हो सकता है। नहीं, तो वैक्सीन के बाद हर महीने इसके मामले सामने आ सकते हैं क्योंकि वायरस के खिलाफ सुरक्षा बनाने में कई साल लग सकते हैं।